फिर शिवसेना बनाने में जुटे उद्धव,जिलों में 100 से अधिक पदाधिकारियों की नियुक्ति
मुंबई
महाराष्ट्र में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे शिवसेना को नए सिरे से संवारने में जुट गए हैं। इसके तहत उद्धव ने सोमवार को कुछ बड़े कदम उठाए। एक तरफ उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं रामदास कदम और पूर्व सांसद आनंदराव अदसुल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया। शिवसेना सांसद विनायक राउत ने इसकी जानकारी दी है। इससे पूर्व सोमवार को दिन में ही उद्धव ठाकरे ने 100 नई नियुक्तियां की हैं।
शिंदे गुट से जुड़ चुके हैं रामदास कदम के बेटे
महाराष्ट्र में अपने विधायकों की बगावत के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं। इसी क्रम में वह बचे-खुचे पदाधिकारियों को चिन्हित कर रहे हैं। इसके तहत उद्धव ने दो वरिष्ठ शिवसेना नेताओं के खिलाफ अहम कदम उठाया है। फैसले के तहत उद्धव ने रामदास कदम और आनंदराव अदसुल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन दोनों नेताओं के ऊपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। इससे पूर्व दिन में खबर आई थी कि रामदास कदम ने अपना इस्तीफा मातोश्री पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि रामदास के बेटे योगेश कदम पहले ही शिंदे गुट से जुड़ चुके हैं।
दिन में नियुक्त किए थे 100 पदाधिकारी
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के सामने शिवसेना के अस्तित्व को बचाने का सवाल उठने लगा है। इसी के तहत उद्धव पार्टी की ओवरहॉलिंग करने में जुटे हुए हैं। उनके सामने फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती बीएमसी के चुनाव हैं। इसके बाद 2024 में होने वाले आम चुनावों पर भी उद्धव की नजर होगी। बता दें कि सोमवार को ही उद्धव ने महाराष्ट्र के कई जिलों में 100 से अधिक पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। उद्धव ने मुंबई, पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई अन्य जिलों में 100 से ज्यादा पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना में इसकी घोषणा की गई है।
सामना में नई नियुक्तियों की घोषणा
शिवसेना ने रविवार को अपने मुखपत्र सामना के जरिए निर्वाचन क्षेत्रों पर आधारित नई नियुक्तियों की घोषणा की है। सेना के पदाधिकारियों ने बताया कि दूसरे क्रम के नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही हैं क्योंकि पार्टी अपने संगठनात्मक आधार का पुनर्निर्माण करना चाहती है।
शिवसेना में पहले संगठन, फिर पक्ष
एक पदाधिकारी ने कहा, 'शिवसेना दूसरी पार्टियों की तरह नहीं है। यहां पहले संगठन है और फिर पक्ष।' उन्होंने आगे कहा, 'शिवसेना की असली संपत्ति शाखाओं और उनके प्रमुखों के ईर्द-गिर्द बनाए गए उसके जमीनी नेटवर्क हैं। हमने पहले से ही दूसरे दर्जे के पदाधिकारियों की पहचान कर ली है जिन्हें पहले नजरअंदाज किया गया था क्योंकि विधायकों ने उनके गृहजनपदों में नियुक्तियों को अपने कंट्रोल में ले लिया था। नई नियुक्तियां चरणबद्ध तरीके से की जा रही है ताकि पार्टी में कोई रिक्तता न हो।'
भावना गवली और संजय राठौड़ के समर्थकों को हटाया
मुंबई में मगाठाणे, बोरिवली और दहिसर निर्वाचन क्षेत्रों में नई नियुक्तियां हुई हैं। एमएलसी सुनील शिंदे को शिर्डी निर्वाचन क्षेत्र का संपर्क प्रमुख बनाया गया है। अमरावती जिले में सुनील खराटे को जिला प्रमुख नियुक्त किया गया। यवतमाल जिले में भी सभी निर्वाचन क्षेत्रों में नई नियुक्तियां हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि यवतमाल सांसद भावना गवली और सांसद संजय राठौड़ के समर्थकों हटा दिया गया है।