प्रदेश के निजी स्कूलों को RTE के 229 करोड़ का इंतजार, संचालको ने दी आंदोलन की चेतवनी
भोपाल
Right to Education: मध्यप्रदेश में राइट टू एजुकेशन के तहत 25 फीसदी सीटों पर गरीब वर्ग के बच्चों को एडमिशन हर साल दिया जाता है. निजी स्कूल संचालकों को तीन सालों से अब तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है. निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि करीब 90 हजार से ज्यादा बच्चों की आरटीई की राशि का अब तक भुगतान नहीं हुआ है. अगर जल्द ही राशि जारी नहीं होगी तो निजी स्कूल संचालक राज्य शिक्षा केंद्र का घेराव करेंगे.
तीन सालों से आरटीई की राशि का भुगतान नहीं
आरटीई (राइट टू एजुकेशन) की राशि का साल 2020-21, 2021-22, 2022-23 का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है. प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि राज्य शिक्षा केंद्र बार-बार आश्वासन दे रहा है कि जल्द से जल्द राशि जारी करेगा. लेकिन अब तक 30 जिलों के 90 हजार से ज्यादा बच्चों की राशि जारी नहीं हुई है. राइट टू एजुकेशन के तहत 229 करोड़ की राशि का भुगतान होना था जो कि अब तक अटका हुआ है.
निजी स्कूल संचालक अब करेंगे राज्य शिक्षा केंद्र का घेराव
निजी स्कूल संचालक के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि तीन सालों से लगातार इंतजार कर रहे हैं. दो महीने पहले ही अधिकारियों की तरफ से हर समस्या का समाधान कर जल्द से जल्द राशि का भुगतान करने की बात कही गई थी. दो महीने बाद भी राशि निजी स्कूलों को जारी नहीं हुई है. अब 10 दिनों के बाद निजी स्कूल संचालक भोपाल में जुटेंगे. राज्य शिक्षा केंद्र का घेराव करेंगे. नियमों के तहत ही बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन दिया जाता है. राशि जारी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा.
सितंबर महीने में राशि के भुगतान की कही गई थी बात
आरटीई की राशि के भुगतान को लेकर अधिकारियों की तरफ से कहा गया था कि मामला संज्ञान में है. राज्य शिक्षा केंद्र से बातचीत कर राशि के भुगतान को लेकर समस्या का हल निकाला जाएगा. राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का कहना था कि सितंबर महीने तक आटीई के तहत राशि का भुगतान किया जाएगा. सितंबर महीने बीते हुए दो महीने हो गए हैं पर अभी तक राशि का भुगतान नहीं हुआ है.