September 25, 2024

पर्यटन विभाग अब कराएगा 15 दिन में नर्मदा परिक्रमा,बनाया पैकेज

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 भोपाल

मध्यप्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा नदी का न केवल सांस्कृतिक महत्व है बल्कि धार्मिक महत्व भी है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र नदी की परिक्रमा करते हैं। मध्यप्रदेश के तीर्थ स्थल अमरकंटक से निकलकर यह नदी गुजरात में खंभात की खाड़ी में विलय हो जाती है।

शास्त्रों में नर्मदा को रेवा नदी भी कहा गया है। हिंदू धर्म में नर्मदा परिक्रमा का बड़ा महत्व है। कहते हैं जिसने जीवन में एक बार नर्मदा परिक्रमा कर ली, उसने सब कुछ कर लिया। श्रद्धालुओं के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने नर्मदा परिक्रमा कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

ऐसे मिलेगी इस पैकेज की सुविधा
मध्यप्रदेश में आध्यात्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग मां नर्मदा की परिक्रमा कराने की अभिनव पहल कर रहा है। पर्यटन विभाग के 14 दिन और 15 रात के इस टूर पैकेज की सुविधा जबलपुर, इंदौर और भोपाल से ली जा सकती है। जबलपुर से अमरकंटक, मंडला, करेली, होशंगाबाद, हांडिया, ओंकारेश्वर, बड़वानी, राजपिपल्या, काठपोर, मीठी तलाई, बडोदरा, झाबुआ, महेश्वर, उज्जैन, सलकनपुर, बुदनी, जबलपुर होते हुए अमरकंटक में यात्रा का समापन होगा। इसी तरह इंदौर-भोपाल से यात्रा प्रारंभ होकर उज्जैन, ओंकारेश्वर, बड़वानी, राजपिपल्या, काठपोर, मीठी तलाई, झाबुआ, मांडू, महेश्वर, सलकनपुर, झाबुआ, अमरकंटक, मंडला, करेली, होशंगाबाद, ओंकारेश्वर होते हुए इंदौर-भोपाल में यात्रा का समापन होगा। मप्र पर्यटन विकास निगम की ओर से शुरू आध्यात्म नर्मदा परिक्रमा से जहां प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं इसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से  यह प्रदेश के लिए फलदायी होगी।

नर्मदा सेवा यात्रा ने बदली तस्वीर   
मध्य प्रदेश  देश का पहला ऐसा पहला राज्य  है,  जिसने 2017 में  नर्मदा नदी को मां के समान  माना। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ‘नमामि देवि नर्मदे’ के तहत 11 दिसंबर 2016 से 15 मई 2017 तक नर्मदा सेवा यात्रा आयोजित की गई। जिससे नदी की सेहत और सूरत बदली। आज नर्मदा नदी  का जल गुणवत्ता अन्य नदियों के मुकाबले अच्छी स्थिति में है।   

नर्मदा संरक्षण को लेकर पीएम मोदी ने की सराहना
नर्मदा संरक्षण को लेकर चलाए गए जन अभियान को लेकर पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने देश के अन्य  राज्यों को भी मध्य प्रदेश  सरकार की तरह जनअभियान चलाए जाने की बात कही। जिससे देश के अन्य राज्य भी नदियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए इसी के अनुरूप अपनी योजनाएं बना सकें। जनभागीदारी के बिना कोई भी योजना सफल नहीं हो सकती। मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा सेवा का भाव जगाकर पूरे प्रदेश में एक नई लकीर खींचने की कोशिश की है।

 

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