बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, कहां घिरेगी गुजरात-हिमाचल सरकार, क्या हैं सबसे बड़े मुद्दे
नई दिल्ली
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक दिन का ही समय बाकी है। वहीं, दिसंबर आते ही गुजरात में भी सरकार चुनने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सवाल है कि इन दोनों राज्यों में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है। ओपिनियन पोल बता रहे हैं कि गुजरात और हिमाचल में बेरोजगारी का मुद्दा बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके अलावा बुनियादी सुविधाओं का चर्चा भी जोर पकड़ रहा है।
पहले गुजरात की बात
रिपब्लिक वर्ल्ड के पी-मार्क ओपिनियन पोल के मुताबिक, गुजरात में 34 फीसदी लोग राज्य के विकास को सबसे बड़ा मुद्दा बता रहे हैं। जबकि, 29 फीसदी बेरोजगारी की बात को बड़ा मानते हैं। इसके अलावा सरकार का खराब प्रदर्शन (22 फीसदी), कानून व्यवस्था (10 फीसदी), अन्य (5 फीसदी) हैं। 8 अक्टूबर, मंगलवार को सामने आए एबीपी सी वोटर सर्वे के अनुसार, गुजरात में पहले नंबर पर बेरोजगारी का मुद्दा है। 33 फीसदी लोग इसपर बात कर रहे हैं। वहीं, 18 फीसदी जनता बुनियादी सुविधाओं को बड़ा मुद्दा मान रही है। जबकि, 14 प्रतिशत लोग किसानों के मुद्दों की बात कर रहे हैं। इस सूची में 5 फीसदी के साथ महंगाई चौथे स्थान पर है। 6 फीसदी जनता भ्रष्टाचार, 3 फीसदी कानून व्यवस्था, 4 फीसदी कोरोना में काम को मुद्दा मानते हैं। 14 फीसदी की राय अन्य की ओर है।
हिमाचल प्रदेश को समझें
एबीपी सी वोटर ओपीनियन में 20 हजार 784 लोगों ने अपने बात रखी थी। पहाड़ी राज्य में सबसे बड़ा इश्यू बेरोजगारी का सामने आया है। 49 फीसदी लोग इसे बड़ा मुद्दा बता रहे हैं। इसके बाद बुनियादी सुविधाओं को 14 प्रतिशत लोग बड़ा मुद्दा मानते हैं। इसके अलावा 6 फीसदी जनता के मुताबिक ही महंगाई बड़ा इश्यू होगा। इसे अलावा भ्रष्टाचार (7 फीसदी), किसान (5 फीसदी), कोरोना में काम (6 फीसदी), कानून व्यवस्था (3 फीसदी), अन्य (7 फीसदी) हैं।
चुनाव कार्यक्रम
भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होगा। यहां गुरुवार शाम प्रचार थम जाएगा। वहीं, गुजरात में दो चरणों में (1 और 5 दिसंबर) को मतदान होगा। दोनों राज्यों की मतगणना 8 दिसंबर को होगी।