November 26, 2024

अगहन मास आरंभ व्रत और त्यौहार जाने

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 सतयुग के आरंभ का महीना अगहन (मार्गशीर्ष) शुरू हो गया है। इस महीने में तीर्थ और पवित्र नदियों में नहाने की परंपरा है। साथ ही शंख और भगवान कृष्ण की पूजा भी होती है। ये पुण्य देने वाला महीना आठ दिसंबर तक रहेगा। कोई तिथि क्षय नहीं होने से इस बार मार्गशीर्ष मास पूरे 30 दिनों का रहेगा। इस महीने में कालभैरव अष्टमी, श्रीराम-जानकी विवाह, दत्तात्रेय प्राकट्य और गीता जयंती जैसे बड़े व्रत पर्व भी रहेंगे। पंडित रामजीवन दुबे गुरुजी ने बताया कि सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारंभ किया था।

इसलिए अगहन को कहते हैं मार्गशीर्ष मास

अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे कई वजह हैं। इनमें पहली भगवान कृष्ण से जुड़ी है। श्रीकृष्ण की पूजा कई नामों से होती है। इन्हीं में एक मार्गशीर्ष भी श्रीकृष्ण का ही नाम है। इस महीने को मगसर, अगहन या अग्रहायण भी कहा जाता है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त पुण्य के बल पर हमें सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

तीर्थ स्नान से मिलता पुण्य

पुराणों के मुताबिक इस महीने कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें तो उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं। नहाने के बाद इष्ट देवताओं का ध्यान करना चाहिए। फिर विधिपूर्वक गायत्री मंत्र का जाप करें। स्त्रियों के लिए यह स्नान उनके पति की लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला है। इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। साधारण शंख को श्रीकृष्ण के पाञ्चजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सभी मनोवांछित फल प्राप्त हो जाते हैं। अगहन मास में भगवान गणेश की पूजा का भी महत्व बताया गया है।

अगहन माह के प्रमुख व्रत व त्योहार

शनिवार-12 नवंबर : इस दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत है। इस तिथि पर गणेशजी को दूर्वा चढ़ाएं और व्रत करें। शाम को चंद्र दर्शन और पूजा के बाद ये व्रत पूरा होता है।

बुधवार-16 नवंबर : इस दिन कालभैरव अष्टमी है। इस तिथि पर कालभैरव की विशेष पूजा करें और दीपक जलाएं। इस दिन सूर्य संक्रांति पर्व रहेगा। इसलिए स्नान-दान करने से पुण्य मिलेगा।

रविवार-20 नवंबर : इस दिन उत्पन्ना एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु का व्रत किया जाता है। एकादशी व्रत से जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों का असर खत्म होता है।

बुधवार-23 नवंबर : इस दिन मार्गशीर्ष महीने की अमावस्या है। इस दिन तीर्थ स्नान-दान करने से परेशानियां दूर होती हैं। श्राद्ध करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है।

सोमवार-28 नवंबर : इस दिन विवाह पंचमी है। त्रेतायुग में इसी तिथि पर श्रीराम और सीता का विवाह हुआ था। इस दिन श्रीराम और सीता की विशेष पूजा करें। रामायण का पाठ करें।

शनिवार-तीन दिसंबर : इस दिन मोक्षदा एकादशी है। पुराणों के मुताबिक इस एकादशी व्रत से मोक्ष मिलता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है। इस तिथि पर गीता जयंती भी है।

बुधवार-सात दिसंबर : इस दिन भगवान दत्तात्रेय का प्राकट्य दिवस मनेगा। इस तिथि भगवान दत्तात्रेय का अवतार हुआ था। इस दिन अगहन पूर्णिमा सुबह 8 बजे से शुरू होगी।

गुरुवार-आठ दिसंबर : इस दिन पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान और जरूरतमंद लोगों को दान करने की परंपरा है। सूर्योदय के वक्त पूर्णिमा होने से इसी दिन स्नान-दान करना शुभ रहेगा।

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