युवा अन्नदूत योजना को मंजूरी लेकिन, मई तक निजी हाथों में रहेगी राशन परिवहन व्यवस्था
भोपाल
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों तक राशन पहुंचाने का काम मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के तहत युवा बेरोजगारों को देने की योजना को भले ही कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है लेकिन अगले साल मई तक राशन परिवहन व्यवस्था निजी ठेकेदारों के पास ही रहेगी। एक साथ 888 वाहन मिलना मुश्किल है इसलिए जितने आवेदन इस योजना के तहत मिलते जाएंगे उतने क्षेत्रों में वाहन संचालन का काम युवा बेरोजगारों को दिया जाएगा।
प्रदेश में 26 हजार राशन की दुकानों पर राशन परिवहन का काम अब निजी ठेकेदारों से वापस लेकर मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना के जरिए परिवहन की व्यवस्था 18 साल से 45 साल के युवा बेरोजगारों को दिया जाना है।
जैसे-जैसे आवेदन आएंगे, वैसे-वैसे व्यवस्था बदलेगी
इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कुल 888 वाहनों की जरूरत होगी। एक साथ इतने वाहन मिलना मुश्किल है इसलिए जैसे-जैसे युवाओं के आवेदन आते जाएंगे वैसे-वैसे परिवहन व्यवस्था युवा परिवहनकर्ताओं को दी जाएगी। अभी राशन परिवहन का जो ठेका निजी ठेकेदारों को दिया गया था वह मई तक के लिए है। इसलिए मई तक निजी ठेकेदारों के जरिए परिवहन होता रहेगा। अगले दो से तीन महीने के भीतर जैसे-जैसे मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के तहत बेरोजगार पात्र युवाओं के आवेदन आते जाएंगे सरकार उन्हें अनुदान और बैंको से कर्ज दिलाकर वाहन खरीदवाएगी।
ये वाहन खरीदे जाएंगे
आयशर कंपनी के 21 लाख 30 हजार रुपए कीमत वाले वाहन खरीदे जा सकेेंगे। इसके अलावा 22 लाख कीमत के एसएमएल इसुजु वाहन,24 लाख 70 हजार रुपए तक की कीमत वाले महेन्द्रा वाहन, 23 लाख बीस हजार रुपए कीमत वाले टाटा वाहन तथा 24 लाख 70 हजार तक की कीमत वाले अशोक लीलैंड वाहन खरीदे जाएंगे। इस तरह कुल 25 श्रेणी के 888 वाहन खरीदे जाएंगे। इन वाहनों पर सरकार सवा लाख रुपए मार्जिन मनी के रूप में देगी। हितग्राही को सवा लाख रुपए मार्जिन मनी लगाना होगा। शेष राशि सात वर्ष के लिए 8.9 प्रतिशत वार्षिक ब्याजदर पर बैंको से कर्ज के जरिए दिलाए जाएंगे।