मस्जिद और अस्पताल निर्माण के लिए लिखा CM को पत्र, असामाजिक तत्वों ने दी जान से मारने की धमकी
पटना
बिहार में आपराधिक वारदात थमने का नाम नहीं ले रही है, आए दिन हत्या, बलात्कार और लूट की घटनाएं सामने आ रही है। वहीं अब विकास कार्यों के लिए पहल करने पर समाजसेवियों को जान से मारने की धमकी भी मिल रही है। ताज़ा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर ज़िले का है, जहां राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद परवेज सिद्दीकी को जान से मारने की धमकी मिली है। इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद मिठनपुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
परवेज़ सिद्दीकी ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के जिला प्रतिनिधि शकील अंसारी ने बताया कि सोगरा वक्फ बोर्ड की 13 एकड़ जमीन है। उस जमीन पर मस्जिद और अस्पताल बनाने को लेकर परवेज़ सिद्दीकी ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। निर्माण कार्य के बाबत पत्र लिखने के बाद असामाजिक तत्वों ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष परवेज़ सिद्दीकी का पोस्टर चस्पा कर मुजफ्फरपुर में नहीं घुसनेकी धमकी दी। वहीं मुजफ्फरपुर में दिखने पर जान से मारने की भी धमकी दी गई।
परवेज़ सिद्दीकी को मिली जान से मारने की धमकी
परवेज़ सिद्दीकी को मिली जान से मारने की धमकी मामले में मिठनपुरा थाना में मुकदमा दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया था। इसके साथ ही पटना पुलिस महानिदेशक और मुजफ्फरपुर पुलिस महानिरीक्षक को भी इस मामले की जानकारी दी गई थी। पटना पुलिस हेड क्वार्टर और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली के द्वारा भी इस मामले में कार्रवाई का आदेश वरीय पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरपुर को भेजी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अदालत के आदेश के बाद दर्ज हुआ मुकदमा
जान से मारने की धमकी मामले में उचित कार्रवाई नहीं होने के बाद आरक्षण मोर्चा ने कोर्ट का दरवाजा खट खटाया। मोर्चा के जिला प्रतिनिधि शकील अंसारी ने बताया की ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम कोर्ट मुजफ्फरपुर में केस दर्ज कराया गया। ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम के आदेश पर मिठनपुरा थाना ने प्राथमिकी दर्ज की है। शकील अंसारी ने कहा कि इस मामले को अमरपाली ऑडिटोरियम के सर सैयद राष्ट्रीय सम्मेलन में 3 नवंबर को जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के सामने भी परवेज़ सिद्दीकी द्वारा उठाया गया था l असामाजिक तत्व बिहार में विकास कार्य को रोकना चाहते हैं। मामले पर संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि प्रदेश में सुख शांति बहाल रहे।