सैनिक बोल रहे जिंदा हूं मैं… कोई सुन नहीं रहा, पेंशन के लिए देना है लाइफ सर्टिफिकेट, नहीं चल रही ऐप
कानपुर
सीमा पर देश की रक्षा करने वाले जवान कानपुर में सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर बोल रहे हैं कि मैं जिंदा हूं… लेकिन उसे सुनने वाला कोई नहीं है। पेंशन के लिए पूर्व सैनिक व उनके परिवार के सदस्य जिंदा होने का सबूत यानी लाइफ सर्टिफिकेट लेकर कभी डीपीडीओ ऑफिस तो कभी बैंक के चक्कर काट रहे हैं पर सर्टिफिकेट लेना वाला कोई नहीं है।
दरअसल, डिफेंस मंत्रालय ने डिफेंस पेंशनरों की पेंशन को स्पर्श एप पर माइग्रेट कर दिया है। इसी एप पर लाइफ सर्टिफिकेट अपलोड करना है, जिसके लिए यूजर आईडी और पासवर्ड जरूरी है। शहर में 26 हजार से अधिक डिफेंस पेंशनर हैं। इन सभी पेंशनरधारकों को हर साल नवंबर में अपना लाइफ सर्टिफिकेट बैंक में जमा करना होता है। इसके बाद इनकी पेंशन नियमित रूप से आती रहती है। इस बार मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने डिफेंस पेंशनर की पेंशन को स्पर्श एप पर माइग्रेट कर दिया है।
इस एप को खोलने के लिए पूर्व सैनिकों को एक यूजर आईडी व पासवर्ड मंत्रालय की ओर से भेजा जा रहा है। शहर में 15 हजार से अधिक पूर्व सैनिकों को यूजर आईडी व पासवर्ड नहीं मिला है। इससे वे लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए बैंक व डीपीडीओ के चक्कर काट रहे हैं। लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर है।