बिहार के जयनंदन को मिला श्रीलाल शुक्ल इफको साहित्य सम्मान, 11 लाख का पुरस्कार
नवादा
बिहार के साहित्यकार जयनंदन को श्रीलाल शुक्ल इफको साहित्य सम्मान से नवाजा जाएगा। उर्वरक क्षेत्र की सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) ने 2022 के ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य’ सम्मान के लिए कहानीकार जयनंदन के नाम की घोषणा की है। जयनंदन को स्मृति चिह्न के साथ 11 लाख रुपये की राशि मिलेगी। जयनंदन बिहार के नवादा जिले के हैं। उनका चयन चित्रा मुद्गल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय चयन समिति ने किया है।
जयनंदन का जन्म 26 फरवरी 1956 में बिहार के नवादा जिले के मिलकी गांव में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। अब तक उनकी दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें ‘श्रम एव जयते’, ‘ऐसी नगरिया में केहि विधि रहना’, ‘सल्तनत को सुनो गांववालो’, ‘विघटन’, ‘चौधराहट’, ‘मिल्कियत की वागडोर’, ‘रहमतों की बारिश’ जैसे उपन्यास तथा ‘सन्नाटा भंग’, ‘विश्व बाजार का ऊंट’, ‘एक अकेले गान्ही जी’, ‘कस्तूरी पहचानो वत्स’, ‘दाल नहीं गलेगी अब’, ‘घर फूंक तमाशा’, ‘सूखते स्रोत’, ‘गुहार’, ‘गांव की सिसकियां’, ‘भितरघात’, ‘मेरी प्रिय कथायें’, ‘मेरी प्रिय कहानियां’, ‘सेराज बैंड बाजा’, ‘संकलित कहानियां’, चुनी हुई कहानियां’, ‘गोड़पोछना’, ‘चुनिंदा कहानियाँ’ आदि कहानी संग्रह प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने नाटक और निबंध भी लिखे हैं। बिहार सरकार राजभाषा विभाग सहित अनेक साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है।