November 26, 2024

प्रदेश में स्कूल शिक्षा खरीदी में 150 करोड़ से अधिक का घोटाला आया सामने

0

भोपाल
 मध्य प्रदेश के सभी जिलों में संचालित सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने के लिए बड़े पैमाने पर खरीदारी की जा रही है। इस क्रम में अधिकतम 182 करोड़ का खरीदी घोटाला सामने आ रहा है। जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों ने जेम पोर्टल पर ऑर्डर अपलोड कर दिए हैं। मीडिया ट्रायल में 15 जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी यह नहीं बता पाए कि उन्होंने क्या आर्डर अपलोड किया है। उन्हें सिर्फ इतना मालूम है कि टेलीविजन खरीदी का आर्डर अपलोड किया है।

शिवराज सिंह सरकार चुनाव से पहले सभी सरकारी स्कूलों को हाईटेक बनाने के लिए प्रत्येक जिले में 3.50 करोड़ रुपए की खरीदारी करवा रही है। नियमानुसार सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर पर खरीदारी करनी है। डिपार्टमेंट की ओर से उन्हें क्वालिटी और क्वांटिटी के बारे में गाइडलाइन जानी थी। घबराए हुए कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों ने अपने मित्र पत्रकारों को इसके बारे में बताया।

मीडिया ट्रायल के दौरान पता चला कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एप्को के प्रशिक्षण के नाम पर भोपाल बुलाया गया और यहीं पर उनके आईडी पासवर्ड का उपयोग करके जेम पोर्टल पर डिमांड अपलोड करवा दी गई। उसी आईडी पासवर्ड का उपयोग करके आर्डर किए जा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों को नहीं पता कि वह क्या खरीद रहे हैं। उन्हें सिर्फ एक टेलीविजन के बारे में बताया गया है।

नियमानुसार इस खरीदारी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार है क्योंकि उसकी आईडी पासवर्ड से डिमांड अपलोड की गई है और आर्डर प्लेस किए जा रहे हैं जबकि जिला शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि हमें इसके बारे में कुछ मालूम ही नहीं है।स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार का बयान छापा है। उन्होंने कहा है कि खरीदारी में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारियों को भोपाल बुलाकर बिड इसलिए भरवाई गई ताकि उनसे कोई गलती ना हो जाए।

सवाल यह है कि यदि शिक्षा मंत्री के अनुसार डिपार्टमेंट की मंशा में कोई खोट नहीं थी तो फिर जिला शिक्षा अधिकारियों को ट्रेनिंग के नाम पर क्यों बुलाया। खरीदारी के नाम पर क्यों नहीं बुलाया गया। क्यों किसी सरकारी दस्तावेज में इस बात का उल्लेख नहीं है, जो शिक्षा मंत्री द्वारा पत्रकारों को दिए गए बयान में बताई जा रही है।

कुल मिलाकर विवाद की स्थिति बन गई है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री और जिला शिक्षा अधिकारियों के बयान में काफी अंतर है। इस पूरी प्रक्रिया को स्थगित करके जांच कराई जानी चाहिए और ना केवल 182 करोड रुपए की खरीदी घोटाले को घटित होने से रोकना चाहिए बल्कि इसकी साजिश रचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *