ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाने वालों की जमानत याचिका SC में रद्द
नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल फरवरी माह में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर हमला करने वाले दो आरोपियों की जमानत खारिज कर दी है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से जमानत पाने वाले दो आरो
पियों की जमानत रद्द कर दी है और उन्हें एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा है. इन दोनों आरोपियों के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज में टोल प्लाजा पर ओवैसी की गाड़ी पर गोली चलाकर हमला करने के साक्ष्य हैं. घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. उनकी पहचान भी स्पष्ट हो गई थी.
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर रहे हैं जिसमें इस मामले में आरोपियों को जमानत दी गई थी. यह देखा जा सकता है कि इन लोगों को जमानत पर रिहा करने के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोई कारण नहीं दिया गया है. मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट के आदेश को रद्द किया जाता है और इसे वापस हाईकोर्ट भेजा जाता है. आरोपी एक सप्ताह में संबंधित जेल के समक्ष आत्मसमर्पण करें और हाईकोर्ट को 4 सप्ताह के भीतर रिमांड और जमानत पर फैसला देना होगा.
ओवैसी की कार पर चली थी 3-4 गोलियां
असदुद्दीन ओवैसी जब मेरठ से जनसभा करके लौट रहे थे तो हापुड़ टोल प्लाजा पर उनकी कार पर हमला हुआ था. इसमें 3-4 गोलियां चली थीं, जिसके कार पर निशान ओवैसी ने खुद ट्वीट करके दिखाए थे. हमले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ गया था. जिसमें दोनों आरोपी गोली चलाते नजर आ रहे थे. हमला करने वाले दोनों आरोपियों में से एक को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था. दूसरे आरोपी ने सरेंडर किया था. बाद में दोनों आरोपियों को पिलखुवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सामने आया था आरोपी का कुबूलनामा भी
ओवैसी पर गोलियां बरसाने वाले आरोपी सचिन का एक कबूलनामा भी सामने आया था. इसमें सचिन शर्मा ने पुलिसवालों से कहा था कि 2014 में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का एक बयान आया था, उसमें उन्होंने कहा कि ये जो ताजमहल है और कुतुब मीनार है ये सब हमारे बाप-दादाओं का है. उस बयान को सुनकर मुझे बुरा लगा था.