केंद्र से मिले 9158 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
- गर्मियों तक प्रदेश की 8 हजार किमी सड़कें होंगी दुरुस्त
- लोनिवि ने सरकार से मांगा 16 सौ करोड़ का बजट
भोपाल
चुनावी साल में प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें मुद्दा न बने,इसके लिए राज्य सरकार अब प्राथमिकता से सड़कों की मरम्मत एवं नई सड़कें बनाने का काम करेगी। रणनीति के तहत प्रदेश की ऐसी आठ हजार किमी.लंबी सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के लोक निर्माण विभाग ने 16 सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट की मांग रखी है।
दरअसल,प्रदेश में इस साल हुई अतिवृष्टि से प्रदेश की करीब साढ़े तीन हजार किमी लंबी सड़कों को नुकसान पहुंचा है। वहीं साढ़े आठ हजार किमी लंबी सड़कें ऐसी हैं जिनका नवीनीकरण लंबे समय से प्रस्तावित है। इनमें राजधानी वृत की 3,037 किमी.,मध्य परिक्षेेत्र जबलपुर की 962 किमी.उत्तर परिक्षेत्र ग्वालियर की 792किमी.रीवा की 1,129 किमी.सागर की 806किमी., उज्जैन की 952किमी.पश्चित परिक्षेत्र इंदौर की 668 किमी.सड़कें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री,मंत्री भी जता चुके हैं चिंता
जगह-जगह उखड़ी हुई सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं चिंता जता चुके हैं। उन्होंने कुछ दिन पूर्व एक पखवाड़े में राजधानी की सड़कें सुधारने की कड़ी हिदायत दी थी,लेकिन बजट के अभाव में अब तक इस दिशा में तेज गति से काम शुरू नहीं हो सका। इधर,प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने भी एक माह में सड़कें सुधारने की बात कहीं थी,लेकिन दो दिन पहले ही उन्होंने बजट की कमी बताते हुए यह काम जून तक पूरा करने की बात कही। इधर,विपक्ष लगातार सड़कों को लेकर सरकार पर हमलावर है लेकिन सरकार सड़कों को चुनावी मुद्दा नहीं बनने देना चाहती। इसके चलते सड़कों का सुधार अब उसकी प्राथमिकता होगी।
जून तक सभी सड़कें चकाचक करने का लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार,राज्य के लोक निर्माण विभाग ने हाल ही में एक प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश की करीब आठ हजार किमी लंबी सड़कों को ठीक किए जाने की आवश्यकता बताई है। इसके लिए करीब सौलह सौ करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट की मांग रखी गई। हालांकि राज्य विधानसभा के पिछले पावस सत्र में पारित दूसरे अनुपूरक बजट में सड़कों के लिए चार सौ करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया जा चुका है,लेकिन प्रदेशभर में सड़कों की खस्ता हालत को देखते हुए इसे नाकाफी बताया जा रहा है। विभाग ने जून तक उक्त सभी सड़क ों की मरम्मत एवं नवीनीकरण का लक्ष्य तय किया है।
एक वजह यह भी
अगले साल प्रदेश में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पांच बड़े आयोजन मप्र में प्रस्तावित हैं। यह सभी आयोजन नए साल के शुरुआती दो महीनों में ही संपन्न होना है। इनमें सांची विश्वविद्यालय का सम्मेलन 6 व 7 जनवरी को इंदौर में संभावित है। इसके तत्काल बाद 8 से 10 जनवरी तक प्रवासी भारतीय सम्मेलन व 11-12 जनवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इसी शहर में होगी। अगले ही महीने 23 से 25 फरवरी तक जी-20 देशों के सम्मेलन में कुछ बैठकों की मेजबानी भी मप्र को मिली है। इसमें खजुराहो,भोपाल व इंदौर में ये बैठकें संभावित हैं। प्रवासी भारतीय सम्मेलन व जी-20 देशों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे। जबकि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगी। आगामी छह महीनों में प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री के ओंकारेश्वर,रीवा,जबलपुर में भी दौरा संभावित है। मप्र पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी करने जा रहा है। इसमें 29 राज्यों के खिलाड़ी शामिल होंगे। ये खेल गतिविधियां प्रदेश के विभिन्न शहरों में संपन्न होना है। माना जा रहा है कि उक्त तमाम गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए सड़क ों की स्थिति में सुधार अनिवार्य हो गया है।
केंद्र ने दी बड़ी राहत,मुख्यमंत्री ने जताया आभार
इधर,केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही अपने करों में राज्य के हिस्से की 9158 करोड़ रुपए की राशि मप्र को दी है। यह राशि दो किस्तों में मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उक्त राशि स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि समय पर उक्त राशि स्वीकृत किए जाने से प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज होगी।