महिलाओं को रास नहीं आता हिमाचल का रण? 55 सालों में केवल 40 की जीत
शिमला
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को फिर सरकार चुनने की तैयारी हो रही है। 8 दिसंबर को तय हो जाएगा कि पहाड़ी राज्य पर किस पार्टी का शासन होगा। अब प्रत्याशियों पर आते हैं, तो राज्य की विधानसभा बीते 55 सालों से मजबूत संख्या में महिलाओं की हिस्सेदारी की बाट जोह रही है। आंकड़े बताते हैं कि अब केवल 40 महिलाएं ही विधानसभा तक का रास्ता तय करने में सफल रही हैं।
अब तक नहीं मिली महिला मुख्यमंत्री
गठन के बाद से अब तक हिमाचल प्रदेश को महिला मुख्यमंत्री नहीं मिली है। राज्य के मौजूदा सीएम जयराम ठाकुर हैं। बहरहाल, अगर केवल चुनाव के आंकड़ों को ही देखें, तो 1967 से लेकर अब तक 206 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा और केवल 40 महिलाएं ही विधानसभा तक पहुंच चुकी हैं। जबकि, 105 की जमानत जब्त हो चुकी हैं। साल 1967 में भी दो महिलाओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सकीं।
विस्तार से समझें आंकड़े
आंकड़े बताते हैं कि साल 1998 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सबसे ज्यादा 6 महिलाएं चुनी गईं। वहीं, अगर 1998 और 2007 (तब 5 महिलाएं जीती थीं) को छोड़ दिया जाए, तो हर चुनाव में पांच से कम महिलाएं ही विधानसभा तक का सफर तय कर सकी हैं। साल 2012 विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा महिलाओं ने चुनाव लड़ा, लेकिन 34 में से केवल 3 ही जीत कर पाईं और 22 की जमानत जब्त हो गई थी। साल 2017 में 19 ने चुनाव लड़ा और 4 ने जीत का परचम लहराया।
इस बार क्या हैं हाल
साल 2022 में भी हिमाचल प्रदेश के चुनावी मैदान में 24 महिलाएं दावा पेश कर रही हैं। इन 24 महिला प्रत्याशियों में से 6 भारतीय जनता पार्टी, 5 निर्दलीय हैं। जबकि, कांग्रेस ने 3 और आम आदमी पार्टी ने 5 महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है।
भाजपा की निगाहें इतिहास बदलने पर, कांग्रेस को परंपरा का भरोसा
हिमाचल प्रदेश में शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (विकास) जहां विकास के अपने एजेंडे पर सवार होकर चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही है वहीं, विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा का पालन करने का अनुरोध कर रही है।
राज्य में 55 लाख से अधिक मतदाता 68 निर्वाचन क्षेत्रों में 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे, जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह और पूर्व भाजपा प्रमुख सतपाल सिंह सत्ती शामिल हैं। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्रिम मोर्चे पर प्रचार अभियान की कमान संभाली और कहा कि भाजपा के चिह्न 'कमल' के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा।