श्रीनाथ मंदिर में हर महा छह करोड़ से अधिक नकद दान आये , गुप्त दान के जरिए आता लाखो का दान
उदयपुर
किसी भी धार्मिक स्थल में जाकर दर्शन करने के बाद श्रद्धालु अपनी क्षमतानुसार राशि दान करते हैं। देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी दानपेटी से होने वाली कमाई किसी को भी हैरत में डाल सकती है। गौरतलब है कि दक्षिणी राजस्थान में कृष्ण धामों की सबसे अधिक कमाई है। वल्लभ संप्रदाय की सबसे बड़ी पीठ नाथद्वारा (Nathdwara) स्थित श्रीनाथ मंदिर भी उन्हीं मंदिरों में से एक है, जहां चढ़ावे में दी जाने वाली राशि की मात्रा कहीं अधिक है।
मंदिर में हर दिन बीस लाख रुपये से अधिक कमाई
श्रीनाथ मंदिर (Srinathji Mandir) में देश भर से भक्त आते हैं और अपनी श्रद्धानुसार राशि दान कर जाते हैं। मालूम हो कि श्रीनाथ मंदिर को हर महीने छह करोड़ से अधिक नकद दान राशि मिलती है यानि कि यहां हर दिन बीस लाख रुपए की नकद कमाई होती है। हर महीने की आय में से चार करोड़ रुपए से अधिक की आय मनोरथ के जरिए जबकि दो करोड़ रुपए से अधिक की आय दान में मिली राशि से होती है।
दान राशि को गिनने के काम में साठ कर्मचारी शामिल
नाथद्वारा मंदिर मंडल बोर्ड के सीइओ जितेंद्र कुमार ओझा बताते हैं कि इसमें दान में मिले आभूषण और अन्य सामग्री शामिल नहीं हैं। उन्होंने बताया कि श्रीनाथ मंदिर में तीस दान पात्र हैं, जिसे यहां गुल्लक कहा जाता है। इनमें से कई हर दिन भर जाती हैं। उनके पूरा भरने पर दान राशि को निकाल कर मंदिर के प्रशासनिक भवन में सुरक्षित रखा जाता है। यहां हर गुरुवार को गुल्लकें खोली जाती हैं और उनमें मिली दान राशि की गिनती वित्त प्रबंधन की मौजूदगी में होती है। दान में मिली राशि की गिनती में साठ कर्मचारी लगते हैं।
ओझा बताते हैं कि कभी-कभी दान में मिली राशि की गिनती में 24 घंटे से अधिक समय लग जाता है। इस गुरुवार को भी जब दान पात्र खोले गए, तो इनमें से निकली राशि को गिनने में 24 घंटे से अधिक का समय लगा। इस बार निकली राशि एक करोड़ एक लाख 87 हजार थी। इनके अलावा सोने-चांदी से बने जेवरात तथा अन्य सामग्री भी हर सप्ताह निकलती है, जिसे मंदिर मंडल की वित्त शाखा में जमा करा दिया जाता है।
हर दिन सैकड़ों भक्त पहुंचते हैं दर्शन करने
श्रीनाथजी पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है, जहां बड़ी तादाद में श्रद्धालु भगवान श्रीनाथजी के दर्शन करने आते हैं। यहां आने वाले वैष्णव जन गुल्लकों में राशि भेंट करते हैं। श्रद्धालु गुल्लकों में सिक्कों और रुपयों के अलावा सोने चांदी के चम्मच-कटोरी, छत्र, गले की चेन, अंगूठी, कड़े भी डालते हैं। मंदिर में हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए की राशि जमा हो जाती है। जबकि मनोरथ से चार करोड़ रुपए से अधिक की आय होती है।
देने वाले श्रीनाथजी-पाने वाले श्रीनाथजी
नाथद्वारा मंदिर में कई भक्त इस तरह से भी भेंट चढ़ाते हैं, जिसका पता नहीं लगता कि चढ़ाने वाला कौन हैं। यहां लोग दान में भेजने वाले दान सामग्री पर देने वाले श्रीनाथजी और पाने वाले श्रीनाथजी का उल्लेख करते हुए भिजवाते हैं। इनमें कई बार करोड़ों रुपए तक का दान होता है। इस तरह गुप्त दान के जरिए भी यहां हर महीने लाखों रुपए की राशि मिलती है।