September 27, 2024

दूध और चावल दोनों सफेद रंग के हैं , बस देखने का तरीका अलग है : निधि दुगर

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बहुत ही साधारण सी दिखने वाली और अपने कार्य को लेकर जागरूक तथा निष्ठावान रहने वाले कुछ लोग
समाज के ऐसे भाग से आते है जिसके बारे में अलग-थलग रूढ़िवादी धारणाएँ उन्हें समाज के मुख्य धारा से जुड़ने के अवसर छीन लेती है। ये कहना है कलकत्ता की एक युवा पत्रकार, और लेखिका निधि दुगर कुंडलिया का। वो लंदन के सिटी यूनिवर्सिटी से एमए हैं। उन्होंने द हिंदू, टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे अखबारों और किंडल मैगज़ीन और ओपन जैसी पत्रिकाओं में समाज, उपसंस्कृतियों और सांस्कृतिक विषमताओं पर विस्तार से लिखा है।

प्रभा खेतान फाउंडेशन और अहसास वुमन द्वारा खास बातचीत में आदिवासी समाज के विभिन्न पहलुओं को लेकर लिखी पुस्तक ” व्हाइट एज़ मिल्क एंड राइस” मे अपनी उपलब्धियों और किताब के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि उनकी कहानी ज्यादा चिंतन-मनन वाला नहीं है, मेरी यात्रा संयोग से भरा है जहाँ वो एक पत्रकार से लेखक बन गयी। उनके लिए इन विषयों का चुनाव आसान नहीं रहा, क्योंकि उनकी धारणाएँ और समाजिक सोच ने एक अलग दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही थी। जिसमें समाज की वो भागीदारी जिसके बिना एक विकसित और सभ्य राष्ट की कल्पना अधूरा है। उन विषयों पर पढ़ना, जानना और लिखना ताकि जो लोग इससे अनभिज्ञ हैं उन्हें भी जानकारी मिल सके और समाजिक धारणाएँ बदले। और यही वज़ह थी कि उन्होंने ऐसे विषयों का चुनाव किया।

निधि दुगर कुंडलिया द्वारा लिखी व्हाइट एज़ मिल्क एंड राइस: स्टोरीज़ ऑफ़ इंडियाज़ आइसोलेटेड ट्राइब्स में लेखिका निधि दुगर कुंडालिया ने आधुनिक भारत में छह जनजातियों के जीवन के तरीकों को दर्ज किया है, क्योंकि वे एक अति-भूमंडलीकृत दुनिया में नेविगेट करती हैं, पहचान और पहुंच के मुद्दों से निपटती हैं। इस किताब में हलक्की, कंजर, कुरुम्बा, मरिया, खासी और कोन्याक सहित भारत की छह लैप्स के बारे में एक असामान्य कहानी, यह किताब की वास्तविकता के साथ उनके संघर्ष के बारे में एक असामान्य कहानी का निर्माण करती है। इनमें विश्व के अलग-अलग आदिवासियों के आम जिंदगी के संघर्षों का ज़िक्र किया है। खासकर महिलाओं की।

निधि दुगर कुंडलिया के साथ इस खास बातचीत के लिए “अहसास वुमन ” रायपुर की मुख्य सदस्य श्रृष्टि त्रिवेदी उपस्थित थी। व्हाइट एज़ मिल्क एंड राइस किताब को लेकर इस बातचीत कार्यक्रम का संचालन गौरत गिरजा शुक्ला ने किया।

प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा ,साहित्य,संस्कृति और कला को विकसित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम “द राइट सर्कल ” के अंतर्गत यह साक्षात्कार “अहसास वुमन ” रायपुर द्वारा आयोजित की गई । कार्यक्रम राजधानी स्थिति होटल हयात में श्री सीमेंट के सहयोग से आयोजित किया गया।

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