AIIMS के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, कोरोना काल में निभाई थी अहम जिम्मेदारी
नई दिल्ली
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। डॉ रणदीप गुलेरिया उन प्रमुख लोगों में से थे, जिन्होंने COVID-19 महामारी के चरम के दौरान केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया टीम का नेतृत्व किया था। उन्होंने देश में COVID-19 से जुड़े इलाज के बारे में जागरूकता पैदा करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई।
30 सालों तक AIIMS में दी अपनी सेवाएं
बता दें कि AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने 30 से अधिक वर्षों तक एम्स में सेवाएं दी। एम्स के पूर्व निदेशक ने 23 सितंबर को अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद वीआरएस के लिए आवेदन किया था। डॉ गुलेरिया अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।
2017 में एम्स दिल्ली के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था
AIIMS के निदेशक के रूप में डॉ रणदीप गुलेरिया का कार्यकाल मार्च के महीने में समाप्त होना था। हालांकि, इससे पहले उनका कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया था। उन्होंने मार्च 2017 में एम्स दिल्ली के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था।
रणदीप गुलेरिया को मिल चुका है पद्म श्री
5 अप्रैल 1959 को हिमाचल प्रदेश में पैदा हुए डॉ रणदीप गुलेरिया को 2015 में भारत सरकार द्वारा देश के चौथे सर्वोच्च भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। रणदीप गुलेरिया कार्डियोलॉजिस्ट पद्म श्री जगदेव सिंह गुलेरिया के बेटे हैं और पद्म श्री संदीप गुलेरिया सर्जन के बड़े भाई हैं।