September 30, 2024

छत्तीसगढ़ का कार्य लोगों के लिए नजीर है कि कैसे लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं – भूपेश

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रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भेंट-मुलाकात में हम लोगों से फीडबैक लेते रहे हैं। सभी विषयों पर जानकारी ली। वे डोंगरगांव में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। कल एक मजेदार घटना हुई। लोगों ने नरवा की मांग की। लाल बहादुर नगर में लोगों ने नरवा संरक्षण की मांग की। यह जागरूकता लोगों में है यह सबसे अच्छी बात है। इसका मतलब जमीनी योजनाओं का असर हो रहा है।

डोंगरगांव में एक मार्केट कॉम्प्लेक्स के संबंध में मैंने निर्देश अधिकारियों को दिया है। चिटफंड में पैसा लगाने वाले 19000 लोगों के पैसे वापस आये, यद्यपि यह संतोषप्रद नहीं है। यह कठिन कार्य है लेकिन हम जुटे हुए हैं। प्रक्रिया काफी लंबी होती है लेकिन जरूरी है। अन्य राज्य भी पूछ रहे हैं कि यह कैसे किया। यह कठिन कार्य है लेकिन पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं।राजनांदगांव से ही इसकी शुरूआत हुई। छत्तीसगढ़ का कार्य लोगों के लिए नजीर है कि कैसे लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकते हैं।हर औद्योगिक केंद्र रीपा के लिए 2 करोड़ स्वीकृत किये गए हैं।युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण होंगे।

सहारा की रिकवरी के बारे में एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पैसा देने के लिए कुछ समय मांगा है।हमने कहा है कि आप निवेशकों का पैसा दें। इसके लिए कुछ मोहलत दी गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस साल हम 10 अंग्रेजी के महाविद्यालय खोल रहे हैं, इससे शिक्षा का दायरा और बढ़ेगा। भेंट-मुलाकात पर एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल की वजह से हम चाहकर भी प्रत्यक्ष रूप से जुड़ नहीं सके।सारे कार्यक्रम वर्चुअल हुए। अच्छी योजनाएं आरम्भ की। हमें यह जानना था कि इसका जमीनी क्रियान्वयन कैसे हो रहा है। इसके लिए हमने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम तय किया।

भेंट-मुलाकात के संदर्भ में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के बीच जब जाते हैं और वे विश्वास से भरकर प्रसन्नचित्त अपनी बात रखते हैं कि उन्होंने कैसे योजना का लाभ लेकर बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाए, इससे अन्य लोगों को लगता है कि हमें भी इसी तरह से बढऩा चाहिए।मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि तर्री एनीकट में सभी प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कई योजनाएं तो ऐसी हैं कि घोषणापत्र में भी नहीं थीं। जैसे इंग्लिश मीडियम स्कूल, भूमिहीन श्रमिक योजना आदि। यह सब इतने लोकप्रिय हुए।सबसे बड़ी बात यह कि हम कोरोना में संकट के दौर में लोगों के साथ खड़े रहे और उनके जेब में जनहित योजनाओं से पैसे डाले। संकट के समय खड़ा होना सबसे जरूरी है।हम लोगों को पैसे देते हैं ताकि अपनी वास्तविक आवश्यकता के आधार पर खर्च कर सके। हम उन्हें क्यों कहें कि हमारी रुचि पर खर्च करो। किसानों को पैसे दिए।वे अपनी खेती के लिए और जरूरी आवश्यकता के लिए इसका व्यय कर रहे हैं। इससे बेहतर क्या हो सकता है।

बीएनसी मिल पुन: आरम्भ करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रयास किया गया है।जूट मिल यहाँ शुरू करने पर उद्योगपतियों से चर्चा की गई है, लगातार प्रयास जारी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में जब हम छत्तीसगढ़ के मॉडल के बारे में बताते हैं तो लोग पुरानी पेंशन, गोधन न्याय, रीपा जैसी योजना को बहुत पसंद करते हैं।राजनांदगांव के पत्रकारों ने आवास के बारे में पूरे प्रदेश को रास्ता दिखाया है। डोंगरगांव के पत्रकार भी इसे फॉलो करें।भेंट-मुलाकात के संदर्भ में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के बीच जब जाते हैं और वे विश्वास से भरकर प्रसन्नचित्त अपनी बात रखते हैं कि उन्होंने कैसे योजना का लाभ लेकर बेहतर जीवन की ओर कदम बढ़ाए, इससे अन्य लोगों को लगता है कि हमें भी इसी तरह से बढऩा चाहिए।मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि दर्री एनीकट में सभी प्रभावितों को मुआवजा मिलेगा।

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