खुद जिंदगी की जंग हारकर दूसरों को जिता गई आठ साल की मानसी, किडनी और लीवर हुआ ट्रांसप्लांट
नई दिल्ली
दिल्ली के एम्स में शनिवार रात को आठ वर्षीय मानसी ने अंतिम सांस ली, लेकिन जिंदगी से हार जाने के बाद भी मानसी ने अंगदान के जरिये दो मासूम बच्चों की जिंदगी बचा ली। एम्स ट्रॉमा सेंटर में 48 घंटों में यह दूसरा अंगदान है। इससे पहले हरियाणा के मेवात की 18 महीने की माहिरा ने भी अंगदान से दो बच्चों की जान बचाई थी।
दरअसल, मथुरा के कोसी में रहने वाली करीब आठ साल की मानसी दो नवंबर को अपने घर की छत से खेलते-खेलते नीचे गिर गई थी। घटना के तुरंत बाद उसे एम्स ट्रामा सेंटर लाया गया। सिर में लगी गंभीर चोट के बाद 11 दिनों तक वह जिंदगी और मौत से संघर्ष करती रही, लेकिन 12 नवंबर को बच्ची ने दम तोड़ दिया।
दादा ने दिया सुझाव
मौत के बाद मानसी के दादा महेश चंद ने अंगदान करने का सुझाव दिया, जिसके बाद पिता रमाकांत ने सहमति दी। मानसी के लिवर और एक किडनी को आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती 12 साल की बच्ची में प्रत्यारोपित किया गया। वहीं, दूसरी किडनी एम्स में भर्ती एक अन्य बच्चे को प्रत्यारोपित की गई, जबकि मानसी की कॉर्निया (आंखें) और दिल वॉल्व को नेशनल आई बैंक और एम्स दिल्ली के हार्ट वॉल्व बैंक में सुरक्षित रखा गया है। इन्हें जल्द ही अन्य जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया जाएगा।
लोग खुद ही आगे आ रहे
एम्स के अंग रिट्रेवाल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन (ओआरबीओ) की प्रमुख डॉ. आरती विज ने कहा कि समाज के लिए यह एक अच्छा संदेश है कि अंगदान करने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। मानसी के मामले में ग्राम प्रधान ने भी रुचि दिखाई और मानसी के दादा ने अंगदान का फैसला किया।