कृषि मेला चंबल-ग्वालियर अंचल के लिए मील का पत्थर साबित होगा – केंद्रीय मंत्री तोमर
- छोटे किसानों के समग्र विकास के लिए सरकार ने किए अनेक ठोस उपाय – सांसद शर्मा
- किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है : मंत्री पटेल
- मुरैना में आयोजित वृहद कृषि मेला, प्रदर्शनी व प्रशिक्षण हुआ संपन्न
भोपाल :
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री व क्षेत्रीय सांसद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि मेला चंबल-ग्वालियर अंचल के लिए उन्नत कृषि की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र के सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कई ठोस उपाय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कृषि मंत्री तोमर को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं से छोटे किसानों को फायदा हो रहा है, वे आगे बढ़ रहे हैं। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। आज मुरैना में आयोजित वृहद कृषि मेला संपन्न हो गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कृषि मेले में हजारों किसानों को प्रशिक्षण देकर उनका मार्गदर्शन करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सहित देशभर के कृषि संस्थानों से जुड़े वैज्ञानिकों का धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमारा देश और चंबल क्षेत्र भी कृषि प्रधान है। हम कृषि को जितना ताकतवर बनाएँगे, उतना ही ताकतवर देश व चंबल क्षेत्र भी बनेगा। कृषि की अर्थव्यवस्था में इतनी ताकत है कि देश पर कभी भी कोई संकट आए तो कृषि क्षेत्र उससे उबार सकता है।
तोमर ने कहा कि पहले कृषि संबंधित योजनाएँ उत्पादन केंद्रित थीं लेकिन आज किसानों की आय बढ़ाने से संबंधित नीतियाँ अपनाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे कहा कि किसानों की आमदनी दोगुना से अधिक होनी चाहिए, तबसे केंद्र व राज्य सरकारों और किसानों ने मिलकर इस दिशा में प्रयास किए है।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि तिलहन की कमी को पूरा करने तथा आयात निर्भरता कम करने के लिए सरकार ने ऑयल
पाम मिशन बनाया, जिस पर 11 हजार करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। तोमर ने क्षेत्र के किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों को आज पानी की नहीं, ज्ञानी की जरूरत है, जो कि चंबल के क्षेत्र में देशभर से आए है। इनके ज्ञान से किसान लाभान्वित होने के साथ ही अपनी खेती को उन्नत बनाएंगे। किसान तकनीक का प्रयोग करेंगे तो इसका फायदा नई पीढ़ी को भी मिलेगा और गांवों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
खजुराहो सांसद शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री तोमर के नेतृत्व में आयोजित यह कृषि मेला उन्नत खेती के लिए काफी मददगार साबित होगा। मेले में देशभर में हुए प्रयोगों को किसानों के बीच लाकर किसानों को पारंगत बनाने का प्रयास किया गया है। यहां से किसान जो सीखकर जा रहे हैं, उसके माध्यम से खेती में नए-नए प्रयोग करने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और तोमर के नेतृत्व में खेती में नई-नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है, किसानों को अपडेट किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों के लिए बेहतर काम हो रहा है। इसका प्रमाण मध्यप्रदेश द्वारा 7 बार से कृषि कर्मण अवॉर्ड जीतना है।
कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हमारा देश गांवों व किसानों का देश है। मध्यप्रदेश भी कृषि प्रधान है। अटलजी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने, तब उन्होंने गांवों की चिंता की। गांवों में 68 फीसदी बजट खर्च किया, इसी तरह मोदी सरकार ने किसानों की चिंता की व ऐसी योजनाएं बनाई, जिनसे किसानों की आय दोगुना हो व खेती लाभ का धंधा बने। प्रदेश में किसानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण दे रही है। इल्ली से हुए नुकसान को भी आपदा माना गया। म.प्र. सर्वाधिक फसल बीमा क्लेम देने वाला राज्य है। सरकार ने वन ग्राम को भी बीमा में शामिल किया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई प्रयत्न किए गए हैं। यह सब सत्ता परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन है।
कार्यक्रम को पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंषाना ने भी संबोधित किया। ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज डंडोतिया ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।