September 29, 2024

पेसा एक्ट से पंचायत पहले से भी होगी ज्यादा सशक्त

0

भोपाल

प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिन ग्रामों में पेसा एक्ट लागू हो गया है उस क्षेत्र के थाने में किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने पर पुलिस संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध गिरफ्तारी या जांच संबंधी कार्यवाही सीधे नहीं कर सकेगी। इसके लिए एफआईआर होने के बाद पुलिस को पहले इसकी जानकारी वहां की ग्राम सभा द्वारा बनाई गई शांति और विवाद निवारण समिति को देना होगा। इसके लिए आदिवासी ग्रामों में शांति और विवाद के निपटारे के लिए ग्राम सभा द्वारा एक समिति का गठन करने का प्रावधान किया गया है। सभा की ओर से समिति गठन की जानकारी पुलिस को दी जाएगी। इस समिति के फैसले पर अपील ग्राम सभा में की जा सकेगी। ग्राम सभा की सिफारिशों पर अमल कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।

साहूकार को बताना होगी चुकाए गए ऋण की जानकारी
एक्ट में प्रावधान किया गया है कि प्रदेश में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में वनों के संरक्षण की जिम्मेदारी अब ग्राम सभा की होगी। ग्राम सभा ग्रामीणों के हित में स्थानीय रोजगार और वन संरक्षण के लिए काम करेगी। इन क्षेत्रों में साहूकारी करने वाले व्यक्ति द्वारा अपना लाइसेंस ग्राम सभा को बताना होगा। साथ ही जो ऋण चुकाया गया है, उसकी जानकारी एसडीएम को हर तीन माह में देना होगी। अगर साहूकार के विरुद्ध शिकायत है तो ग्राम सभा जांच कर एसडीएम को कार्यवाही के लिए कहेगी।

चर्चा बगैर एसडीएम नहीं कर सकेंगे डायवर्सन, भूमि अर्जन
इन क्षेत्रों में भूमि अर्जन, डायवर्सन करने के पूर्व एसडीएम को जनसुनवाई करना होगी और ग्रामसभा के साथ परामर्श के बाद निर्णय लिए जा सकेंगे। ग्राम सभा पटवारी को भूमि अभिलेख में सुधार के लिए अनुशंसा करेगी। ग्राम सभा को यह अधिकार भी होंगे कि आदिवासी की भूमि का उपयोग सरकारी काम या अन्य कामों में गैर आदिवासी को न किया जा सके। इतना ही नहीं ऐसे क्षेत्रों में अब आदिवासियों की जमीन पर किसी दीगर जाति के व्यक्ति द्वारा किए गए कब्जे के मामले में ग्राम सभा एक्शन ले सकेगी। ग्राम सभा ऐसा मामला सामने आने पर भूमि का कब्जा उसे वापस दिलाएगी जिसकी जमीन मूल रूप से थी और अगर ऐसा नहीं हो पाया तो उपखंड अधिकारी के पास केस भेजेगी और इसे तीन माह के भीतर निराकृत करते हुए मूल आदिवासी को जमीन का कब्जा दिलाना होगा।

शराब की बिक्री पर निषेधाज्ञा का अधिकार
ग्राम सभा चाहे तो अपने क्षेत्र में शराब और अन्य मादक पदार्थों की बिक्री के लिए निषेधाज्ञा जारी कर सकेगी और इसका उल्लंघन करने वालों पर एक हजार रुपए तक की पेनाल्टी लगा सकेगी। ऐसे क्षेत्रों में देसी-विदेशी शराब की नई दुकान खोलने की अनुमति भी ग्रामसभा ही देगी। अगर कोई शराब या भांग की दुकान का स्थान परिवर्तित करना है तो इसका अधिकार भी इन्हें ही होगा। इतना ही नहीं अगर कोई त्यौहार है तो आंशिक अवधि के लिए इन दुकानों को बंद कराने की अनुशंसा कलेक्टर को की जा सकेगी। किसी भी व्यक्ति के घर में कितनी शराब या अन्य मादक वस्तुएं रखी जाएंगी, इसकी लिमिट तय करने का अधिकार भी इन्हें ही होगा।

89 विकासखंडों में लागू हुआ एक्ट
राज्य सरकार द्वारा मंगलवार से लागू किए जा रहे पेसा एक्ट में इसका प्रावधान किया गया है। यह कानून प्रदेश के 313 विकासखंडों में से 89 आदिवासी विकासखंडों में लागू हो गया है। इसमें कहा गया है कि ग्राम सभा के सीमा क्षेत्र में आने वाले सभी जल स्त्रोत ग्राम सभा के अधिकार क्षेत्र में आएंगे और एक्ट में किए गए प्रावधान के मुताबिक सिंचाई, मछलीपालन, पेयजल आवंटन व निस्तार की प्राथमिकता के आधार पर ग्राम सभा काम करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed