महाकाल मंदिर में फोटो खींचने और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध ,कांग्रेस ने पूछे सवाल
उज्जैन
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में मोबाइल फोन ले जाने, सेल्फी लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगा दी गयी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा पर उज्जैन पहुंचने से ऐन पहले महाकाल मंदिर समिति का ये बड़ा फैसला है. कांग्रेस ने इसे भेदभाव की राजनीति करार दिया है. पार्टी ने गर्भ गृह में दर्शन के समय फोटो पर प्रतिबंध लगाने पर सवाल खड़े किए हैं. हालांकि प्रबंधन इसके पीछे दर्शन व्यवस्था में देरी की शिकायत की वजह बता रहा है। गर्भगृह में फोटो लेने के कारण भक्त ठीक से दर्शन नहीं कर पाते हैं। उधर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में भी बदलाव किए गए हैं। भक्तों को दर्शन पर्ची मिलेगी। उन्हें बड़े गणेश मंदिर के पास आना होगा। यहां उनका फोटो खींचा जाएगा और फोटो व क्यूआर कोड की पर्ची मिलेगी। इसके बाद भक्त दर्शन कर सकेंगे।
गर्भगृह में दर्शन की संख्या भी सीमित
गर्भगृह में भी भीड़ लगने के कारण आम भक्तों को दर्शन नहीं होते थे। अब गर्भगृह में संख्या भी सीमित कर दी गई है। पहले 1500 रुपये की रसीद पर गर्भगृह में दिनभर प्रवेश दिया जाता था, लेकिन दिनभर में सिर्फ 1200 भक्त ही गर्भगृह में जाकर दर्शन कर सकेंगे।
राहुल गांधी के दर्शन के पहले रोक क्यों
कांग्रेस विधायक महेश परमार के मुताबिक राहुल गांधी का 1 दिसंबर को महाकाल मंदिर में दर्शन का कार्यक्रम होना है. राहुल गांधी महाकाल के भक्त हैं और वह पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने वाले हैं. लेकिन उनके दर्शन से पहले ही महाकाल के गर्भ गृह और नंदीहाल में फोन के इस्तेमाल, सेल्फी लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगाना राजनीतिक मंशा को जाहिर करता है. परमार ने कहा महाकाल लोक के लोकार्पण के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में पूजा अर्चना करने पहुंचे थे यहां उन्होंने जाप भी किया था. तब इसका सीधा प्रसारण हुआ था. लेकिन अब जबकि राहुल गांधी दर्शन के लिए पहुंचने वाले हैं उससे पहले जानबूझकर फोटो लेने और वीडियो बनाने पर रोक लगाई गई है. यह राजनीतिक द्वेष को दिखाता है. कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा महाकाल दर्शन में इस तरीके के भेदभाव को अपनाना ठीक नहीं है.
मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित नहीं
अभी महाकाल लोक में रोज हजारों लोग आ रहे है। वे यहां की तस्वीरें भी खींचते है। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने कहा कि मंदिर में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित नहीं है। सिर्फ नंदी हाल और गर्भगृह में भक्त फोटो नहीं खींच सकेंगे। गर्भगृह में भी दर्शन का समय तय किया है। सुबह छह से दोपहर एक बजे और शाम छह से रात आठ बजे तक ही गर्भगृह में दर्शन हो पाएंगे।
मंदिर समिति ने दी सफाई
बीते दिनों उज्जैन मेयर के फोटो और एक युवती के मंदिर परिसर में रील बनाने को लेकर खासा विवाद हुआ था. मंदिर के गर्भ गृह से युवती के वीडियो जारी करने के बाद मचे बवाल पर मंदिर प्रबंधन ने गर्भ गृह में फोटो लेने पर प्रतिबंध लगाया है. मंदिर प्रबंधन समिति का ये भी कहना है कि भक्त गर्भगृह में फोटो और वीडियो बनाने लगते हैं इससे दर्शन में देर होती है. इसी वजह से मंदिर में दर्शन की व्यवस्था को भी बदला गया है.