शिवराज कैबिनेट का विस्तार ,गुजरात विधासनभा के बाद ,सिंधिया गुट पर भी गिर सकती है गाज
भोपाल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) को लेकर शिवराज सरकार और बीजेपी संगठन एक्टिव हो गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। ये विस्तार विधानसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से हो सकता है। पहले कहा जा रहा था कि कैबिनेट विस्तार नवंबर में होना है लेकिन गुजरात विधासनभा को चुनाव में ध्यान में रखते हुए हुए इसे दिसबंर महीने के लिए टाल दिया गया है। अब माना जा रहा है कि 8 दिसंबर के बाद शिवराज कैबिनेट का विस्तार होगा। ऐसे में कई पुराने मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो कई नए को मौका मिल सकता है। जिन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों के भी नाम हैं।
राज्य में इस समय मंत्रिमंडल में कुल 31 सदस्य हैं और चार पद रिक्त हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार के करीब सात से नौ मंत्रियों की कार्यशैली से बीजेपी संगठन और खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान खुश नहीं हैं। कहा जा रहा कि इनके विभाग का काम अच्छा नहीं और जनता के बीच इनका फीडबैक भी नेगिटिव है। ऐसे में इनको हटाकर नेए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
19 नवबंर को हो सकती है बैठक
19 नवंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है। इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विधायकों को विश्वास में लिया जाएगा। माना जा रहा कि शिवराज कैबिनेट में विंध्य और महाकौशल क्षेत्र के वरिष्ठ विधायकों को जगह मिल सकती है। जिन मंत्रियों को बदला जाना है, उनमें बड़े नेताओं के समर्थक भी शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी सभी राजनीतिक नियुक्तियों को जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है।
अभी क्या है शिवराज कैबिनेट का जातिगत समीकरण
शिवराज कैबिनेट 30 मंत्री हैं जिसमें से 10 मंत्री क्षत्रिय वर्ग से आते हैं। करीब 8 मंत्री ओबीसी वर्ग के हैं। तीन मंत्री एससी और चार मंत्री एसटी वर्ग के हैं। वहीं, ब्राह्मण कोटे से अभी नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री हैं। प्रदेश अध्यक्ष भी ब्राह्मण कोटे से हैं। ऐसे में बीजेपी होने वाले चुनावों को देखते हुए एससी और एसटी कोटे के मंत्रियों की संख्या बढ़ा सकती है।
किन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी
शिवराज कैबिनेट विस्तार में कई धाकड़ मंत्रियों के छुट्टी होने की खबर है। माना जा रहा है कि बुंदेलखंड अंचल के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य क्षेत्र के एक मंत्री को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है और इनकी जगह दूसरे नेताओं को मौका मिल सकता है।
सिंधिया समर्थकों पर भी गिर सकती है गाज
शिवराज कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कई विधायक मंत्री हैं। सिंधिया के सपोर्टर विधायकों में 6 मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ है तो तीन राज्यमंत्री हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों के ऊपर भी गाज गिर सकती है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि किन-किन मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
कौन हो सकते हैं दावेदार
2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अब स्थानीय और जागिगत समीकरण भी साधने की तैयारी में है। विंध्य क्षेत्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। 2023 में यहां फिर से उसी तरह के प्रदर्शन को दोहराने के लिए बीजेपी यहां से मंत्रियों की संख्या बढ़ा सकती है। दावेदारों की बात की जाए तो विंध्य क्षेत्र से पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल या शरदेंदु तिवारी को मौका मिल सकता है।
भोपाल के विष्णु खत्री, गुना के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक जजपाल सिंह जज्जी और जतारा से हरीशंकर खटीक दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं, महाकौशल से संजय पाठक, भोपाल से रामेश्वर शर्मा, मनोज चौधरी या महेंद्र हार्डिया, सुलोचना रावत और चेतन कश्यप का नाम दावेदारों की रेस में शामिल है।
सिंधिया खेमे के इस नेता को मिल सकती है जगह
सूत्रों का कहना है कि शिवराज सरकार में अगर सिंधिया समर्थक मंत्रियों की छुट्टी होती है तो कुछ नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है। सिंधिया खेमे के जजपाल सिंह जज्जी और मनोज चौधरी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।