मुलायम के गढ़ में सेंध लगाने के लिए BJP ने झोंकी ताक़त
मैनपुरी
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी संसदीय सीट पर 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। बीजेपी ने Mulayam Singh Yadav के गढ़ में पूरी ताकत झोंक दी है। शाक्यों के सहारे बीजेपी मुलायम के किले को भेदना चाहती है। इसलिए शाक्य मैनपुरी उपचुनाव के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। इसकी अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चुनाव से ठीक पहले अखिलेश ने भी पूर्व मंत्री आलोक सिंह शाक्य को मैनपुरी का जिलाध्यक्ष बनाया था। जिस तरह से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने मैनपुरी जाकर बड़ा संदेश दिया उससे यही संदेश गया कि बीजेपी इस चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहती है।
शिवपाल के रुख ने बढ़ाई बीजेपी की टेंशन ?
भारतीय जनता पार्टी पहले इस सीट से डिंपल यादव के खिलाफ अपर्णा यादव को उतारना चाहती थी। अपर्णा यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हुई मुलाकात भी काफी चर्चाओं में रही थी। लेकिन सूत्रों की माने तो अपर्णा ने ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इसके बाद बीजेपी ने शिवपाल यादव के बारे में संभावनाएं टटोली थी। शिवपाल की दिल्ली यात्रा को लेकर भी काफी चर्चाएं हुईं थी लेकिन अंत में शिवपाल के रुख ने सारा खेल बिगाड़ दिया था।
दरअसल बीजेपी की रणनीति पर अखिलेश यादव की भी नजर है। शिवपाल को उम्मीदवार न बनाए जाने को लेकर बीजेपी माहौल बनाने की कवायद में जुटी थी लेकिन अखिलेश ने शिवपाल को सपा के स्टार प्रचारकों की सूची में डालकर बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया। अब शिवपाल चाहकर भी सपा से अलग नहीं हो पा रहे हैं। शिवपाल को यह बयान देना पड़ा कि वह डिंपल का जिताने की पूरी कोशिश करेंगे। हालांकि पर्दे के पीछे शिवपाल की बीजेपी से करीबी नया गुल खिला सकती है।