November 23, 2024

राजस्व मंडल में जमीनी विवाद निराकरण के लिए तीसरा सदस्य करेगा अंतिम निर्णय

0

भोपाल
प्रदेश में जमीन संबंधी मामलों में होने वाले विवाद के निराकरण के लिए राजस्व मंडल में पहुंचने वाले प्रकरणों का निराकरण करने में अगर डिवीजन बैंच के मतों में भिन्नता है तो इस मामले में राजस्व मंडल अध्यक्ष की ओर से नियुक्त तीसरे सदस्य का निर्णय अंतिम माना जाएगा। एकल सदस्यीय और डिवीजन बैंच को राजस्व मामलों के निराकरण न कर पाने की स्थिति में उसे सिफारिश के साथ अध्यक्ष के पास भेजने का भी अधिकार होगा।

राजस्व विभाग द्वारा राजस्व मंडल की एकल सदस्यीय पीठ तथा खंडपीठ की अधिकारिता नियम 2022 का प्रारूप जारी कर दिया है। इसमें 15 दिन बाद आने वाले सुझावों के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि फुल बैंच सभी सदस्यों से मिलकर बनने वाली बैंच को कहा जाएगा। इसमें एकल सदस्यीय बैंच को लेकर राजस्व मंडल के अध्यक्ष द्वारा तय एक सदस्यीय बैंच की परिभाषा दी गई है। विभाग द्वारा जारी प्रारूप के अनुसार अध्यक्ष राजस्व मंडल यहां आने वाले मामले में संबंध में समय समय पर मंडल की पीठों के बीच काम का बंटवारा करने के लिए अधिकृत होंगे।

कोई एकल सदस्यीय बैंच अपने समक्ष लंंबित किसी कार्यवाही को जब उसमें विधि का या राजस्व का या बंदोबस्त मामलों से संबंधित पद्धति और प्रक्रिया का कोई जटिल या महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल हो, उसे सिफारिश के साथ अध्यक्ष को भेज सकेगा ताकि उसे डिवीजन बैंच के समक्ष राखा जा सके। इसमें यह भी प्रावधान किए गए हैं कि यदि किसी डिवीजन बैंच को यह लगता है कि उसके समक्ष लंबित कार्यवाही के निर्णय में डिवीजन बैंच के किसी पूर्व फैसले पर पुनर्विचार किया जाना जरूरी है तो वह इस तरह की सिफारिश के साथ केस फुल बैंच के लिए अध्यक्ष को भेज सकेंगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि दो सदस्यों से गठित डिवीजन बैंच में सदस्यों के बीच मतभिन्नता होने की दशा में केस के निपटारे के लिए दोनों सदस्यों के मतों को अभिलिखित किया जाएगा तथा अध्यक्ष द्वारा नामांकित तीसरे सदस्य द्वारा इन मतों पर भी विचार करते हुए मामले का अंतिम निराकरण किया जाएगा।यदि किसी बैंच का कोई सदस्य शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं है तो वह किसी प्राधिकृत वेबलिंक के जरिये कार्यवाही में शामिल हो सकेगा और ऐसी दशा में सुनवाई को नियमित सुनवाई माना जाएगा।

मंत्री का बयान था कि एक सदस्य नहीं कर सकेगा सुनवाई
इस मामले में राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत की ओर से शुक्रवार को कैबिनेट की ओर से जारी बयान में कहा था कि राजस्व मंडल में खंडपीठ व्यवस्था लागू होगी और एकल सदस्य केस की सुनवाई नहीं कर सकेंगे। सुनवाई की प्रक्रिया एक से अधिक सदस्यों की पीठ करेगी। राजस्व विभाग द्वारा जारी प्रारूप में इससे अलग स्थिति है। एकल सदस्य को भी सुनवाई का अधिकार दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *