संरक्षित स्मारक से बाहर इस्लामनगर का गोंड महल

भोपाल
भोपाल के समीप इस्लाम नगर स्थित गोंड महल और गांधी मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित दोस्त मोहम्मद और फतेह बीबी का मकबरा को राज्य सरकार ने अब राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची से बाहर कर दिया है। अब इन स्मारकों के आसपास निर्माण कार्य, सौंदयीकरण के काम हो सकेंगे।
भोपाल जिले में कई स्मारकों को राज्य के संरक्षित स्मारकों की श्रेणी से बाहर किया गया है। जो स्मारक अब राज्य संरक्षित नहीं रहेंगे उनमें ग्राम धरमपुरी का व्यू पाइंट, इतवारा रोड मौलाना आजाद सेंट्रल लायब्रेरी केन्द्रीय पुस्तकालय अजायबघर, नगर निगम भोपाल का सदर मंजिल दरबार हाल भोपाल, धरमपुरी ग्राम में बारादरी छत्री को राज्य संरक्षित स्मारक की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। इसी तरह धार जिले के नालछा की मालकम कोठी, चारचमेली और नालछा का हौज भी अब संरक्षित स्मारक नहीं रह गये है। इन सभी स्मारकों को मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम के तहत संरक्षित समारक घोषित किया गया था। इन्हें अब संरक्षित स्मारकों की सूची से बाहर कर दिया गया हे। अब इन सभी स्मारकों के आसपास सौ मीटर के क्षेत्र में जो निर्माण कार्य, खनन, खेती और अन्य गतिविधियों पर प्रतिबंध था केवल अनुमति प्राप्त करके ही यह कार्य किए जा सकते थे वह प्रतिबंध समाप्त हो गया है। इससे यहां दुकाने खुल सकेंगी। निर्माण कार्य हो सकेंगे। सौंदर्यीकरण हो सकेगा।
तीन स्मारक हुए सूची में शामिल
ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम लोहगढ़ स्थित गढी लोहगढ़, देवगढ़ ग्राम स्थित देवगढ़ का किला और ग्राम सालवाई में स्थित प्राचीन गढ़ी सालवाई को राज्य संरक्षित स्मारकों की श्रेणी में शामिल किया गया है। अब इन संरक्षित स्मारकों के आसपास निर्माण गतिविधियां नहीं हो सकेंगी।