बॉम्बे HC के चीफ जस्टिस ने श्रद्धा मर्डर का किया जिक्र- इंटरनेट पर हर तरह के कंटेंट तक आसानी से पहुंच
नई दिल्ली
बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने शनिवार को देश भर में बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर टिप्पणी की। श्रद्धा वॉकर मर्डर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में हर उम्र वर्ग के लोगों के लिए इंटरनेट पर हर प्रकार की सामग्री की आसानी से उपलब्धता है, जिस वजह से इस तरह के हीनियस क्राइम बढ़ रहे हैं।
शनिवार को पुणे में टेलीकॉम डिस्प्यूट स्टेटमेंट अपीलेट ट्रिब्यूनल (टीडीसैट) द्वारा आयोजित 'टेलिकॉम, ब्रॉडकास्टिंग, आईटी और साइबर सेक्टर्स में डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म' विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा, 'आपने अभी-अभी अखबारों में इस बारे में कुछ खबरों के बारे में पढ़ा होगा। मुंबई में प्रेम और दिल्ली में हत्या, ये सभी अपराध इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि इंटरनेट पर हर प्रकार की सामग्री उपलब्ध है। जस्टिस दत्ता ने श्रद्धा वॉकर हत्याकांड को लेकर यह बात कही। जिसमें लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने श्रद्धा की पहले गला घोंटकर हत्या की फिर शव के 35 टुकड़े कर जंगल में ठिकाने लगा दिये। उसने इंटरनेट की मदद से सबूत मिटाने की कोशिश भी की ताकि पकड़ा न जाए।
सरकार के ऐक्शन पर यकीन
जस्टिस दत्ता ने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि भारत सरकार सही दिशा में सोच रही है। भारतीय दूरसंचार विधेयक मौजूद है और अगर वास्तव में हम प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा बनाए रखने और हर बिरादरी के लोगों के लिए न्याय करना चाहते हैं तो हमें सभी स्थितियों से निपटने के लिए कुछ मजबूत कानून की आवश्यकता है।
नये युग में नए उपकरणों के फायदे और नुकसान
उन्होंने कहा, "नए युग में नए उपकरणों का आविष्कार किया जा रहा है। 1989 में, हमारे पास कोई मोबाइल फोन नहीं था। दो या तीन साल बाद, हमारे पास पेजर आ गए। तब हमारे पास बड़े मोटोरोला मोबाइल हैंडसेट थे और अब वे छोटे फोन में सिमट गए हैं। जो हर उस चीज से लैस हैं, जिसकी कोई कल्पना कर सकता है। हालांकि, उन्हें किसी के द्वारा भी हैक किया जा सकता है, जो हमारी निजता पर हमला है।"