बलूचिस्तान में चीन की साजिश का पर्दाफाश, विद्रोहियों के खिलाफ चीनी ड्रोन का इस्तेमाल कर रही पाकिस्तानी सेना
इस्लामाबाद
पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान में विद्रोहियों का दमन करने के लिए चीन में बने कॉम्बैट CH-48 ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाक सेना बीते कई सालों से बलोचों के खिलाफ फाइटर जेट्स और आर्म्ड हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करती रही है लेकिन कॉम्बैट UAVs का इस्तेमाल नया है। चिंता की बात यह भी है कि ड्रोन्स का इस्लेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है।
बलूचिस्तान पोस्ट-इंग्लिश के अनुसार, पाकिस्तान ने इस महीने की शुरुआत में एसएसजी कमांडो के साथ मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), लड़ाकू जेट और गनशिप हेलीकॉप्टर्स की तैनाती की थी। इसके बाद बोलन क्षेत्र में बलूच विद्रोहियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य हमला किया गया। बताया गया कि पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में बोलन के ऊंचे इलाकों में बलूच राष्ट्रवादियों के खिलाफ जेट भी तैनात किए।
बलूच मिलिशिया ने 2 SSG कमांडो को मारा
बलूच मिलिशिया ने पाकिस्तानी सैन्य ऑपरेशन्स का विरोध किया गया और 2 एसएसजी कमांडो को मार गिराया था। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर और पाकिस्तान स्थित रक्षा ब्लॉग पर जानकारी के अनुसार, चीनी सीएच-4बी यूएवी को बोलन में देखा गया, जहां विद्रोहियों ने 2 एसएसजी कमांडो को मार डाला। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि चीन और तुर्की ने पाकिस्तान को लड़ाकू यूएवी के अलग-अलग मॉडल्स की सप्लाई की है।
ड्रोन को ऑपरेट करने में मदद कर रही चीनी सेना
चीन ने पाकिस्तान को जनवरी 2021 में 5 काई होंग 4 (रेनबो 4 या सीएच-4) मल्टीरोल मीडियम-एल्टीट्यूड लॉन्ग-एंड्योरेंस (MLA) यूएवी दिए थे। मीडिया रिपोर्ट के जरिए बाद में यह पता चला कि ये CH-4 ड्रोन वैरिएंट थे। बताया जाता है कि ग्वादर के पसनी में स्थित चीनी पीएलए टुकड़ी सीएच-4 ड्रोन को ऑपरेट करने में पाकिस्तानी सेना की मदद करती है। पाकिस्तानी सेना के पास पसनी में एक नौसैनिक हवाई स्टेशन है जिसे पीएनएस मकरान के नाम से जाना जाता है।