मध्य प्रदेश सरकार भले ही खाद को लेकर लाखों दावे करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और
टीकमगढ़
आपको बता दें विकासखंड पलेरा के अंतर्गत शासकीय मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित भंडारण गोदाम पलेरा में किसानों की दयनीय अवस्था देखने को मिल रही है जो कि किसान यहां पर सुबह 10:00 बजे से आ जाते हैं लाइन मै लगे लगे शाम 5:00 बजे तक लगी रहती हैं इतनी कठिन मेहनत पर 1 एकड़ पर एक यूरिया एवं दो बोरी डीएपी की दी जाती है या कोई कोई किसान 5:00 बजे के बाद खाली हाथ घर भाग जाता है अगर किसी अधिकारी से किसी तरह की खाद को लेकर बात की जाती है तो अधिकारी गुस्सा होकर बोल देते हैं कि जाइए मैं नहीं दे रहा हूं जो भी आपको कहना है कर लेना किसान बहुत दूर-दूर से बड़ी आस लगा कर आते हैं कई किसान खाली हाथ चले जाते हैं ऐसा ही आज करीब 100 किसान से भी ज्यादा बिना खाद लिए निकल गए उनसे बोल दिया जाता है कि कल आना कई दिनों से किसान चक्कर काट रहे हैं तहसील पलेरा के अंतर्गत खाद को लेकर बहुत दिक्कत देखने को मिल रही है।
शासन प्रशासन की तरफ से किसानों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है अगर मीडिया का कोई अधिकारी वहां पर जाता है तो वहां के प्रभारी द्वारा बोल दिया जाता है कि हम क्या करें जैसा सिस्टम हमारे यहां चल रहा है वैसा ही हम चला रहे हैं।