November 26, 2024

सेना में प्रमोशन को लेकर महिलाओं ने लगाया भेदभाव का आरोप, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 2 हफ्ते में मांगा जवाब

0

नई दिल्ली

सेना की उन 34 महिला अधिकारियों ने प्रमोशन में देरी का आरोप लगाया है, जिन्हें 2020 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर स्थायी कमीशन दिया गया था। SC में सोमवार को इस मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने केंद्र सरकार से इसे लेकर 2 हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने कहा, 'हम चाहते हैं कि इन सभी महिलाओं को वरिष्ठता दी जाए।'

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका 34 आवेदकों की ओर से दायर की गई है, जिनमें कर्नल (टीएस) प्रियंवदा ए मर्डीकर और कर्नल (टीएस) आशा काले भी शामिल हैं। ये दोनों स्थायी कमीशन वाली महिला अधिकारी हैं। इन्होंने 2 महीने पहले बुलाए गए विशेष चयन बोर्ड में भेदभाव का आरोप लगाया है। इनका दावा है कि उन पुरुष अधिकारियों के नाम भी प्रमोशन के लिए बढ़ाए गए, जो उनसे बहुत जूनियर हैं। 

'महिलाओं के लिए चयन बोर्ड का गठन क्यों नहीं?'
अदालत ने सेना की ओर से पेश हुए सीनियर वकील आर बालासुब्रमण्यन से पूछा, 'आप पुरुष अधिकारियों के लिए चयन बोर्ड का गठन कर रहे हैं, जबकि महिलाओं के लिए नहीं। आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है?' इस पर बालासुब्रमण्यन ने कहा कि 150 अतिरिक्त पदों के लिए महिला अधिकारियों की खातिर विशेष चयन बोर्ड बुलाया जाएगा जो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के अंतिम चरण में है।

मामले पर सुनवाई 2 हफ्ते के लिए स्थगित
सेना की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि अगली सुनवाई की तारीख तक कोई आदेश पारित न किया जाए। उन्होंने भरोसा दिया कि महिला आवेदकों की शिकायत का समाधान जल्द ही हो जाएगा। सेना की से आश्वासन मिलने पर उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए स्थगित कर दी। माना जा रहा है कि इन 14 दिनों के भीतर ही महिलाओं के प्रमोशन को लेकर बोर्ड का गठन किया जा सकता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed