मध्य प्रदेश में हाउसिंग रिडेवलपमेंट पालिसी तैयार,कैबिनेट में स्वीकृति का इंतजार
भोपाल
मध्य प्रदेश में अब जर्जर मल्टियों की जगह नई बहुमंजिला इमारत बनाना आसान होगा। मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने हाउसिंग रिडेवलपमेंट पालिसी तैयार की है, जिसे मंगलवार को कैबिनेट में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। इसके लागू होने से प्रदेश के बड़े शहरों में 30 साल व इससे पुरानी जर्जर इमारतों को तोड़कर हाइराइज बिल्डिंगें बनाई जा सकेंगी। नई नीति में डेवलपर को बढ़ा हुआ फ्लोर एरिया रेशियो(एफएआर) मिलेगा। निर्माण ज्यादा होने से डेवलपर को पुरानी बिल्डिंग के मुकाबले कम से कम 20 प्रतिशत अधिक निर्माण कर फ्लैट मालिकों को देना होगा।
गुजरात, महाराष्ट्र की पालिसी का अध्ययन कर बनाई नई नीति
मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने गुजरात की रिडेवलपमेंट आफ पब्लिक हाउसिंग स्कीम, महाराष्ट्र की रिडेवलपमेंट आफ को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटीज और ग्रेटर मुंबई के डेवलपमेंट कंट्रोल एंड प्रमोशन रेगुलेशन योजना के अध्ययन के बाद यह पालिसी बनाई है।
एफएआर बढ़ाने का प्रविधान
नए निर्माण में एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ाकर 0.5 करने का प्रविधान रखा गया है, जो कि भूखंड के क्षेत्रफल व भूखंड की एप्रोच, सड़क की चौड़ाई पर निर्भर होगा। अभी अधिकतर स्थानों पर 1.5 से 2 एफएआर पर बिल्डिंग बनी हैं। इस से लोगों को तो नया फ्लैट मिल सकेगा, डेवलपर को भी फायदा होगा।
राजस्व शुल्क में भी छूट मिलेगी
प्लाट एरिया कम से कम 2500 वर्ग मीटर होना चाहिए। 12 मीटर चौड़ी सड़क होना चाहिए। नए निर्माण में एफएआर का दस फीसदी व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए किए जाने का प्रविधान किया गया है। अभी यह मात्र 0.5 प्रतिशत है। नगर निगम व राजस्व के चार्जेस में छूट व स्टांप ड्यूटी में भी छूट का प्रविधान किया गया है।