November 27, 2024

अटक रही थी सांस, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से ठीक हो गया शिवांश

0

जांजगीर-चाम्पा

खेती किसानी से अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले किसान शिवनंदन कश्यप के घर जब शिवांश ने जन्म लिया तो परिवार में सभी की खुशियां कई गुनी बढ़ गई। शिवांश के बढ़ते उम्र के साथ उनके माता-पिता के आंखों में अनेक ख्वाब भी सजने लगे। अभी शिवांश को महज दो साल ही हुए थे। ठीक से बोलना और नन्हें कदमों से पूरी तरह से चलना भी नहीं आया था कि एक दिन उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। शिवांश ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहा था। अचानक शिवांश की सांसे अटकती देख, परिवार के सभी सदस्य सहम गये। उपचार के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ लग गई। आखिरकार जांच में जब मालूम हुआ कि मासूम के दिमाग की नसों में समस्या हैै, तो मानों शिवांश की तरह माता-पिता की भी सांसे अटकने लगी। शिवांश के उपचार में 12 लाख रुपए से अधिक लगना बताया गया। इतनी बड़ी राशि जुटा पाना परिवार के लिए मुनासिब न था। शिवांश की जिंदगी की आस और उसके इलाज के लिए पैसों की तालाश में भटक रहे परिवार को जब मालूम हुआ कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने गंभीर और जरूरतमंद परिवारों के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू की है, जिसमें अधिकतम 20 लाख की राशि उपचार के लिए प्रदान की जाती है, तो इन्होंने भी अपना आवेदन दिया। यह बीमारी की गंभीरता और मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता ही थी कि महज तीन दिन में राशि स्वीकृत होने के साथ शिवांश का उपचार प्रारंभ हो गया। अब शिवांश ठीक होकर सामान्य बच्चों की तरह सामान्य भी हो गया है तो उनके परिजन भी मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से मिली राशि के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताना नहीं भूलते।

जांजगीर-चांपा जिले के निवासी श्री शिवनंदन कश्यप ने अपने पुत्र शिवांश कश्यप के हुए इलाज के विषय में बताया कि अचानक से तबीयत खराब हो जाने के बाद जांजगीर से, बिलासपुर फिर रायपुर तक चक्कर काटना पड़ा। रायपुर में गहन जांच में पता चला कि दिमाग के नसों में जटिल समस्याएं हैं और इसे ठीक करने तत्काल आॅपरेशन भी करना पड़ेगा। सर्जरी में 12 लाख रुपये खर्च की बात और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उन्हें बहुत दिक्कतों का समाना करना पड़ा। इस बीच प्रदेश में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लागू होने और गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों का उपचार इस योजना से हो जाने की जानकारी मिलने के बाद फार्म भरकर मुख्यमंत्री निवास में जमा किया। मुख्यमंत्री ने बच्चे की स्थिति को देखते हुए आवेदन पर तत्काल कार्यवाही करते हुए 3 दिन के भीतर अस्पताल में इलाज के लिए 12.50 लाख की राशि स्वीकृत की।

खेत बेचने की सोंच रहा था पिता
अपने बेटे के इलाज के लिए बहुत मशक्कत कर रहे पिता शिवनंदन ने अपनी खेत बेचने की भी तैयारी कर ली थी। उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता जैसी बड़ी योजना लागू न होती तो उनके लिए सिवाय खेत बेचकर उपचार कराने के अलावा कोई अन्य विकल्प भी नहीं था। उन्होंने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता इंजीनियर श्री रवि पांडेय सहित रमेश पैगवार से मदद मांगी। श्री पांडेय ने मोबाइल पर लगातार संपर्क बनाने के साथ मुख्यमंत्री जी को पत्र भी लिखा। आखिरकार यह प्रयास रंग लाई और  ऐन वक्त पर  सर्जरी के लिए योजना से राशि का इंतजाम हो जाने से उसके बेटे को एक नई जिंदगी तो मिली ही, इसके साथ व कर्ज और गरीबी के बोझ में लदने से भी बच गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *