चीन में गुस्से में लोग, संकट में अर्थव्यवस्था, 24 कंपनियां कारोबार समेटने की कर रहीं तैयारी
चीन
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने इस साल चीन की विकास दर 3.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। वर्ष 2021 में ये दर 8.1 फीसदी थी। आंकड़ों की मानें तो 46 साल में 2008 के बाद ये दूसरा मौका है जब चीन की अर्थव्यवस्था की विकास दर सबसे धीमी हुई है। अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल के चलते हजारों लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। नेशनल साइंस ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के अनुसार उत्पादन क्षेत्र में जैसे बढ़ोतरी हो रही है उस अनुसार 2026 तक चीन को पछाड़ भारत का कुल कारोबार 30 हजार करोड़ डॉलर के पार होगा।
सड़कों पर लोग
गुआंगझू, उरुमकी, गुलजा, शिनजियांग, शिजिआजहुआंग, चॉंगिंग जैसे शहरों में बंदिशों के विरोध में लोग सड़क पर उतर गए हैं। जहां वायरस का प्रकोप कम है वहां भी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। अमेरिका में रहने वाले राजनीतिक विश्लेषक यांग जियानली का कहना है कि सख्ती सरकार के लिए चुनौती बन रही है। चीन के गुआंगझू में जीरो कोविड नीति के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। खुद को घर में ही कैद करने के लिए बनाए गए बैरियर तोड़कर लोग सड़क पर आ गए। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हो गई।
कोरोना महामारी ने भारत और चीन दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया। दोनों देशों ने अपने-अपने तरीकों से इसका सामना किया। आज चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ाई हुई है और उसके लोग गुस्से में हैं। वहीं भारत में लॉकडाउन के दौरान लोगों ने सरकार का पूरा साथ दिया और आज हम दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।
चीन की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को देख 24 कंपनियों ने कारोबार समेटने की तैयारी कर ली है, फार्मा, ऑटो, फूड और टेक्सटाइल क्षेत्र की कंपनियां भारत आने को तैयार हैं। चीन में मोबाइल फोन बना रहीं कंपनियों ने देश में 150 करोड़ डॉलर निवेश की बात कही है। इससे भारत दुनिया का बड़ा मोबाइल उत्पादक देश बन सकता है। अमेरिकी कंपनी एपल और उसकी आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने भारत में 100 करोड़ डॉलर निवेश का लक्ष्य रखा है, इससे देश में ही हजारों नौकरियों का सृजन होगा। देश में बल्क ड्रग पार्क योजना के बाद दवा निर्यात अगले कुछ वर्षों में 500 करोड़ डॉलर के पार हो जाएगा।
भारत आपदा को अवसर में बदल डाला
कोरोना महामारी से लड़ते हुए भारत ब्रिटेन को पछाड़ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
आर्थिक मदद बांटी
वित्त मंत्री ने कुल 6,28,993 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया गया।अमेरिकी कंपनी एपल और उसकी आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन ने भारत में 100 करोड़ डॉलर निवेश का लक्ष्य रखा है, इससे देश में ही हजारों नौकरियों का सृजन होगा। देश में बल्क ड्रग पार्क योजना के बाद दवा निर्यात अगले कुछ वर्षों में 500 करोड़ डॉलर के पार हो जाएगा।
बुजुर्ग आबादी
राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग के मुताबिक, 2030 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या करीब 19.4 करोड़ हो जाएगी। बूढ़ी होती जनसंख्या को बेहतर इलाज, देखरेख और उम्दा खानपान मुहैया करानी चुनौती होगा।
विकास दर
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इकोनॉमिक को ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट ने भारत की जीडीपी बढ़ोतरी को घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है। पहले यह 6.9 फीसदी आंकी गई थी।
महंगाई दर
अक्तूबर में खुदरा महंगाई की दर गिरकर 6.77 फीसदी आ गई। यह सितंबर में 7.41 थी। इसे राहत के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका में बढ़ती मंदी के मद्देनजर इसे नियंत्रण में रखना चुनौती होगा।