सिरपुर-ईको टूरिज्म कोडार को मिल रही पहचान, सैलानियों का बढ़ रहा रुझान
रायपुर
महासमुंद जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन काम कर रहा है। वही सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में मोटल और रिसोर्ट और हॉटेल बनाए हैं। समय-समय पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सिरपुर को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय हेरिटेज के रूप में विकसित करने और ज्यादा पहचान दिलानें शासन-प्रशासन कटिबद्ध है। जो भी जरूरी कार्य है किए जा रहे है। लोकल टूरिज्म को बढ़ावा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे है। इसी वर्ष पर्यटन और प्रकृति को बढ़ावा देने एवं जिले की पुरातात्विक एवं संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से टूर डे सिरपुर (सायकल यात्रा) का भी आयोजन किया गया था। जिसे अच्छा प्रतिसाद मिला। सायकल यात्रा का उद्देश्य लोगों को यहाँ के पर्यटन और प्रकृति से रूबरू करना है।
राष्ट्रीय सेवा योजना महिला एवं पुरुष इकाई के स्वयं सेवकों के सहभागिता से सिरपुर में विश्व धरोहर सप्ताह मनाया गया। जिसमें पुरूष और महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें छात्र-छात्राओं के अलावा सैकड़ों की संख्या में पर्यटक और सैलानियां उपस्थि थे। इस कार्यक्रम में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की कार्यप्रणाली, कार्यशैली और पुरातत्व संबंधी जानकारी पर्यटकों को दी गई। पर्यटकों द्वारा नृत्य की सराहना, चित्रकला प्रदर्शन की भी तारीफ की गई। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने इस मौके पर सैलानियों को जिले के पर्यटन क्षेत्र की जानकारी के साथ पर्यटन के लिए जिले में किए जा रहे कामों के बारे में बताया।
इस यात्रा में राजधानी रायपुर और महासमुंद के जिला प्रशासन के आला अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, स्कूली छात्र-छात्राएं, गणमान्य नागरिक, पत्रकारगण पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए। टूर डे सिरपुर का उद्देश्य जिले के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म टूरिज्म को शामिल किया गया है। पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में निजी निवेश एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन के क्षेत्र में यह आयोजन किया गया था। इसके अलावा ऐतिहासिक पर्यटन स्थल सिरपुर को विकसित करने के लिए विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही पर्यटन की दृष्टि से सिरपुर के साईट को और अधिक विकसित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पर्यटन की दृष्टि से जाना जाता हैं। महासमुंद जिले में पहाड़, नदी, जलाशय एवं ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व के अनेक दर्शनीय स्थल है। जनता के अमूल सुझावों से जिले के पर्यटन स्थलों को और अधिक विकसित किया जा रहा है। सैलानियों के लिए रायकेरा तालाब में बोटिंग सैलानियों के लिए शुरू हो गयी है। वहीं जिले के सरायपाली स्थित शिशुपाल पर्वत ट्रैकिंग का नया प्वाइंट बना है। शनिवार और रविवार को यहां पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इससे सैलानियों में यहां के पर्यटन के प्रति रूझान बढने लगा है।
कोडार में बोटिंग सुविधा के साथ टेटिंग शुरू हुए अभी कुछ समय बीता है और यह लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस वन चेतना केंद्र कुहरी, इको पर्यटन कोडार जलाशय में विभिन्न विभागों के द्वारा सैलानियों के सुख-सुविधा के लिए अपने-अपने स्तर से विभिन्न सामग्रियां मुहैया कराई गई है। कोडार जलाशय में नौका विहार के लिए बोटिंग की सुविधा सैलानियों को उपलब्ध है। वहीं कम दाम पर टेंटिंग में ठहरने के इंतजाम भी किए गए हैं। फिलहाल चार टेटिंग लगाए गए है। जिसमें एक टेंटिंग में दो व्यक्तियों के सोने और आराम करने के लिए पर्याप्त जगह है। टूरिस्ट और बच्चों के लिए क्रिकेट, वॉलीबॉल, कैरम, शतरंज के साथ ही निशानेबाजी की सुविधा भी इस इको पर्यटन केंद्र में उपलब्ध है। कोडार जलाशय नेशनल हाईवे-53 से नजदीक होने के कारण आने-जाने वाले लोगों को यहां सुकून का अनुभव होता है। जलाशय में बोटिंग की सुविधा के साथ ही कम दाम में टेंटिंग मे ठहरने के इंतजाम भी किए गए है।