छोटे फंड हाउस पैसिव फंड योजनाओं से दूरी बना रहे
मुंबई
ज्यादातर छोटे फंड हाउस पैसिव फंड योजनाओं से दूरी बनाए हुए हैं, भले ही उनके बड़े प्रतिस्पर्धियों ने इस क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने पर लगातार जोर दिया है। कुल 43 फंड हाउसों में से 18 द्वारा इक्विटी पैसिव फंड पेश किए जाने बाकी है, जिनमें केनरा रोबेको और पराग पारेख फाइनैंशियल एडवायजरी सर्विसेज (पीपीएफएएस) जैसी मझोले आकार की परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) शामिल हैं।
इसके कई कारण हैं। पहला, छोटी एएमसी अभी भी सक्रिय पेशकशें पूरी करने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं, और दूसरा, वे इस पर जोर नहीं देतीं कि उन्हें अपनी योजनाएं लोकप्रिय कैसे बनानी हैं। यूनियन एएमसी के मुख्य कार्याधिकारी जी प्रदीपकुमार ने कहा, 'हम पैसिव सेगमेंट में अपने लिए कोई अंतर नहीं देख रहे हैं। यदि पहले से ही निफ्टी 50 या निफ्टी नेक्स्ट 50 जैसे फंड मौजूद हैं तो समान पेशकशों के साथ आगे बढ़ने का क्या फायदा है। ऐक्टिव श्रेणी में, आप दूसरों से अलग हो सकते हैं, भले ही फंड श्रेणी समान हो।'
दो श्रेणियों – इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में विभाजित पैसिव फंड ऐसी सामान्य एमएफ योजनाएं हैं, जो अपने बेंचमार्क पर अमल करती हैं। निफ्टी 50 की तरह इंडेक्स फंड या ईटीएफ में भी समान शेयर और भारांक होते हैं। इसकी वजह से, प्रत्येक निफ्टी 50 इंडेक्स फंड, चाहे यह एएमसी ए से हो या एएमसी बी से, समान हैं।
प्रमुख 10 एएमसी का पैसिव क्षेत्र में दबदबा है। कुल मिलाकर, उनकी पैसिव एयूएम 4.2 लाख करोड़ रुपये की है, जो इंडेक्स फंडों में कुल पूंजी का 96 प्रतिशत और ईटीएफ में 4.4 लाख करोड़ रुपये है। यदि हम एसबीआई और यूटीआई एमएफ के निफ्टी-50 और सेंसेक्स ईटीएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के भारत 22 ईटीएफ और निप्पॉन इंडिया के सीपीएसई ईटीएफ से संबंधित संस्थागत होल्डिंग को अलग कर दें, तो पैसिव एयूएम में शीर्ष-10 एएमसी की भागीदारी 85 प्रतिशत पर बनी हुई है।
जहां छोटी एएमसी पैसिव योजनाओं से दूरी बनाए हुए हैं, वहीं मझोले आकार की एएमसी को अपने पैसिव फंडों में प्रवाह आकर्षित करने में संघर्ष करना पड़ा है। उदाहरण के लिए, निफ्टी-50 सूचकांक के 35 फंडों और ईटीएफ में सिर्फ 9 ही 1,000 करोड़ रुपये की एयूएम पार करने में सफल रहे हैं और ये योजनाएं 6 प्रमुख एएमसी – एसबीआई, यूटीआई, निप्पॉन इंडिया, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और कोटक से जुड़ी हुई हैं। जेएलआर मनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य निवेश रणनीतिकार विजई मंत्री ने कहा, 'जब उत्पाद पूरी तरह समान हों तो ग्राहकों में बड़े ब्रांड की ओर रुख करने की प्रवृत्ति देखी जाती है।
एमएफ उद्योग में हाल में प्रवेश करने वाला नवी म्युचुअल फंड पैसिव खंड में कुछ उपस्थिति के साथ एकमात्र छोटे आकार का एएमसी है। उसने लागत के मोर्चे पर स्वयं की खास पहचान बनाई है। यह 0.06 प्रतिशत के कम खर्च अनुपात के साथ पैसिव फंड पेश करने वाला पहला फंड हाउस है। 21 नवंबर तक, इस एएमसी के निफ्टी 50 इंडेक्स फंड की एयूएम 571 करोड़ रुपये थी, जो 35 सूचकांक फंडों और ईटीएफ में 14वां सर्वाधिक आंकड़ा है।