स्कूल के दिनों में अस्पताल में भर्ती हुए थे अमिताभ, पिता की वो सीख कभी नहीं भूले
मुंबई
लोकप्रिय कवि हरिवंश राय बच्च का आज जन्मदिवस है। 27 जनवरी 1907 में हरिवंश राय बच्चन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में पैदा हुए थे। अमिताभ बच्चन के शुरुआती दिन प्रयागराज में बीते हैं। जहां हरिवंश राय बच्चन ने अपनी लेखनी से नाम कमाया तो अमिताभ बच्चन अभिनय की दुनिया के सुपरस्टार बने। अमिताभ अपने पिता के बेहद करीब थे। वह कई मौकों पर पिता के साथ की यादें साझा करते रहते हैं। ऐसा ही एक पुराना किस्सा बताते हैं जिसे अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति में शेयर किया था।
नाटक में जज बनने वाले थे अमिता
अमिताभ बच्चन एक बार स्कूल प्ले के लिए रिहर्सल कर रहे थे लेकिन जिस दिन उनकी परफॉर्मेंस थी उससे ठीक पहले वह बीमार पड़ गए। तब उनके पिता हरिवंशराय बच्चन ने उन्हें सीख दी कि हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए क्योंकि भगवान ने कुछ अच्छा ही सोच कर रखा होगा। अमिताभ उस वक्त शेरवुड कॉलेज में पढ़ते थे। उन्हें And Then There Were None नाटक में जज की भूमिका निभानी थी।
नाटक के दिन पैरेंट्स पहुंचे थे स्कूल
अमिताभ ने कहा, ‘मैं आखिरी दिन तक प्रैक्टिस कर रहा था और जब मुझे असल में स्टेज पर परफॉर्म करना था तो मुझे खसरा हो गया था जिसकी वजह से मुझे अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। मैं उस नाटक में हिस्सा नहीं ले सका। मेरा एक्ट किसी और ने किया। मेरा अस्पताल ऊंचाई पर था तो मैं उन्हें देख और सुन सकता था कि क्या हो रहा और दूसरे कैसा परफॉर्म कर रहे हैं। मेरे माता-पिता भी आए थे क्योंकि उस दिन फाउंडर डे था। उन्हें पता चला कि मैं बीमार हूं तो वह अस्पताल पहुंचे और नाटक खत्म होने तक मेरे साथ बैठे रहे।‘
पिता की सीख
वह आगे कहते हैं, ‘मेरे बापू जी नाटक के खत्म होने तक मेरे पास बैठे रहे और उन्होंने मुझे उस दिन एक बड़ी सीख दी, “मन का हो तो अच्छा, ना हो तो ज्यादा अच्छा।“ जब मैंने उनसे पूछा मन का हो तो अच्छा ना हो तो ज्यादा अच्छा कैसे हो सकता है तब उन्होंने बताया, अगर चीजें तुम्हारे प्लान के मुताबिक नहीं होती हैं तो इसका मतलब है कि भगवान ने कुछ और प्लान कर रखा है जो कि निश्चित रूप से भविष्य में तुम्हारे लिए कुछ बेहतर होगा।“