September 22, 2024

दत्तक संतानों से घर में आयी खुशहाली

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रायपुर

संतान सुख के लिए तरसते हुए दंपत्तियों के लिए दत्तक संतान घर में खुशहाली लेकर आए हैं। अब सूने घर में भी किलकारियां गूंज रही हैं तो वहीं दत्तक अभिभावक अपनी दत्तक संतानों के लिए जैविक संतानों की तरह ही वात्सल्य भाव से भविष्य के सपने संजो रहे हैं। इस संबंध में चर्चा आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में अंतरराष्ट्रीय दत्तक माह के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में हुई। सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण नई दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण तथा महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। इस दौरान केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने दत्तक अभिभावकों तथा भावी अभिभावकों को दत्तक ग्रहण विनियम-2022 के प्रावधानों से अवगत कराया। वहीं दत्तक अभिभावकों ने अपनी दत्तक संतानों को लेकर अनुभव साझा किए।

दत्तक ग्रहण पर आयोजित राज्यस्तरीय सम्मेलन में अधिकारियों ने बताया कि दत्तक ग्रहण ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से दत्तक बालक उसके जैविक माता-पिता से स्थायी रूप से अलग हो कर सभी अधिकारों/विशेष अधिकारों और उत्तरदायित्वों के साथ अपने दत्तक माता-पिता का जैविक बालक की तरह विधिवत पुत्र/पुत्री बन जाता है। वहीं भावी दत्तक माता-पिता के लिए पात्रता के संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि, भावी दत्तक माता या पिता को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रुप से सुदृढ़, वित्तीय रूप से सक्षम, दत्तक ग्रहण के लिए प्रेरित होना चाहिए साथ ही उनके जीवन को जोखिम में डालने वाली चिकित्सा स्थिति/बीमारी नहीं होनी चाहिए। कोई भी भावी दत्तक माता या पिता दत्तक ग्रहण के लिए पंजीयन करा सकता है, चाहे उसकी वैवाहिक स्थिति जो भी हो और भले ही उनकी कोई अपनी जैविक संतान हो या न हो। तीन या तीन से अधिक संतान वाले दंपत्तियों का दत्तक ग्रहण के लिए विचार नहीं किया जाता है। यह शर्त विशेष जरूरतों वाले बालक, कठिनाई से दत्तक ग्रहण किए जाने वाले बालक, नातेदार द्वारा बालक के दत्तक ग्रहण और सौतेले माता-पिता द्वारा दत्तक ग्रहण के प्रकरणों में लागू नहीं है। इस दौरान प्रावधानों पर बात करते हुए कहा गया कि, दंपत्ति की स्थिति में पति-पत्नी दोनों की सहमति आवश्यक है। उनके स्थायी वैवाहिक संबंधों को कम-से-कम दो वर्ष पूर्ण होने चाहिए। भावी दत्तक माता या पिता की आयु संबंधी पात्रता की गणना पंजीयन की तारीख से की जाती है।
दत्तक संतान ग्रहण की प्रक्रिया पर चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि, दत्तक संतान की चाह रखने वाले माता या पिता महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर लॉग इन कर केयरिंग्स में नि: शुल्क आॅनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। इसमें कोई तीन राज्यों के विकल्प का चयन किया जा सकता है। इस राज्य या इन राज्यों के सभी विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरणों में उन्हें पंजीकृत माना जाएगा। इच्छा-अनुरुप बालक के विकल्प का चयन किया जाना होता है।  गृह अध्ययन रिपोर्ट के लिए अपने निवास के निकटवर्ती विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण का चयन करेंगे। इसके लिए वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों की सूची अपलोड किया जाना अनिवार्य है। चयनित विशेषीकृत दत्तक ग्रहण एजेन्सी अथवा राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन अभिकरण / जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा गृह अध्ययन कर प्रतिवेदन केयरिंग्स में आॅनलाइन अपलोड किया जाएगा। गृह अध्ययन के दौरान भावी दत्तक माता-पिता को परामर्श भी दिया जाएगा।

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