धर्म, समाज के प्रेरणा स्त्रोत थे ललित चौबे
( अमिताभ पाण्डेय)
भोपाल ।
हर साल सावन के महीने में सीहोर से शुजालपुर, सारंगपुर , शाजापुर , मक्सी के रास्ते उज्जैन तक पद यात्रा करने वाले धर्म प्रेमी – समाजसेवी ललित चौबे का
गत दिवस स्वर्गवास हो गया। भगवान ने अपने प्रिय भक्त को अपने पास बुला लिया ।ललित जी के अचानक देवलोक चले जाने से धर्म और समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाला एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व कम हो गया है। हमें उनकी कमी सदैव दुखी करती रहेगी ।हंसमुख , मिलनसार , मस्तमिजाज ललित जी ने शुजालपुर के अपने कुछ साथियों को लेकर पदयात्रा करने वालों की टीम बनाई थी। ।इस टीम के सदस्य हर साल सावन के महीने में शुजालपुर से कालापीपल , चांदबड के रास्ते पैदल सीहोर चिंतामन गणेश के मंदिर तक आते। मंदिर पर अगले दिन भंडारे का आयोजन होता जिसमें बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के श्रद्धालु भी शामिल होते।
ललित जी ने शुजालपुर के जटाशंकर महादेव मंदिर को अधिक आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जटाशंकर महादेव मंदिर में विकास कार्यो के लिए धर्म प्रेमी नागरिकों के साथ समर्पित भाव से सेवा की ।उन्होंने सीहोर के सुप्रसिद्ध चिंतामन गणेश मंदिर से जटाशंकर महादेव मंदिर शुजालपुर , उज्जैन के महाकाल पर मंदिर तक सावन माह में पदयात्रा प्रारंभ की। इसमें हर साल बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी लोग जुड़ते गए। अब हर साल सीहोर से उज्जैन तक सावन माह में इस पदयात्रा का लोग उत्साह पूर्वक स्वागत करते हैं और उसमें शामिल होते हैं ।
समाजसेवी ललित जी से मेरी सौजन्य भेंट भी चांदबड से सीहोर के बीच हुई। जब वे अपने साथियों को लेकर पदयात्रा करते हुए चिंतामन गणेश मंदिर की ओर जा रहे थे। लंबी पदयात्रा करते हुए भी ललित जी और उनके साथियों का उत्साह देखने लायक था। वह अपने शुभचिंतकों को व्हाट्सएप पर देव दर्शन और जीवन उपयोगी संदेश भेजते रहते थे ।हर बुधवार अपने शुभचिंतकों के फोन पर सीहोर के भगवान चिंतामन गणेश की सुंदर तस्वीर जरूर भेजते थे ।उनसे बातचीत का सिलसिला जय श्री गणेश के साथ ही शुरू होता ।
उनके साथ हमारे सामाजिक – पारिवारिक संबंध हैं। उनसे रिश्तेदारी भी थी जो कि धीरे-धीरे गहरी आत्मीयता में बदलती चली गई । मुझे उनका स्नेहभाव और आशीर्वाद खूब मिला। श्रद्धेय ललित जी के आज अचानक चले जाने की खबर हम सबके लिए बहुत गहरा दुख है।वे धर्म समाज के क्षेत्र में काम करने वाली युवा पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक की तरह काम कर रहे थे। उनका व्यवहार हमें सदैव सामाजिक कार्यों की प्रेरणा देता रहेगा । आत्मीयता की डोर से बंधे अपने शुभचिंतकों के बीच हमेशा उनको याद किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विनोद चौबे दा साहब , घनश्याम चौबे, योगेश चौबे, प्रफुल्ल कुमार चौबे के भतीजे एवं हरीश चौबे के जयेष्ठ भ्राता एवं भूषण चौबे के पिताजी , प्रवीण चौबे के ताऊजी , अक्षय चौबे,अंकुर चौबे,मधुर चौबे, भानु चौबे, दर्पण चौबे के भाई धर्मप्रेमी – समाजसेवी ललित कुमार चौबे का स्वर्गवास 26 नवंबर 2022 को हो गया ।
उनकी अंतिम यात्रा 27 नवंबर 2022 की प्रातः 10 बजे स्व निवास श्री गणेश मंदिर रोड शुजालपर मंडी से स्थानीय शांतिवन के लिए निकलेगी।हम सभी शोकाकुल परिवार को इस असहनीय दुःख को सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करने की प्रार्थना ईश्वर से करते हैं।ललित जी अपने सेवाकार्यों से हमारी स्मृति में रहेंगे । हम उन्हें याद करते रहेंगे , वे हमेशा याद आते रहेंगे।