कर्नाटक-महाराष्ट्र विवाद : सीएम बोम्मई ने नागरिकों और बसों की सुरक्षा के संबंध में महाराष्ट्र सीएम से की बात
बेंगलुरु
महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच सीमा विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। दोनों राज्यों के नेता पहले भी सीमा विवाद को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध चुके हैं। वहीं अब जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सांगली जिले के 40 गांवों को अपने राज्य का होने का दावा ठोका तो बवाल मच गया है। जिसके बाद महाराष्ट्र में कर्नाटक की बसों पर गुस्साएं लोग स्याही और पेंट पोत रहे हैं और हमले कर रहे हैं। वहीं इस घटना के दूसरे दिन कर्नाटक सीएम ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे को बसों और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बात की है। इसके साथ ही कानून का उलंघन करने वालो को सख्त सजा देने मांग की है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा "किसी को भी किसी भी कारण से कानून व्यवस्था को भंग नहीं करना चाहिए। मैंने कर्नाटक में उच्च अधिकारियों को दोनों राज्यों के लोगों की सुरक्षा के संबंध में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव से संपर्क करने का आदेश दिया। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोगों को असुविधा न हो।
क्या है विवाद जिसके कारण दो भाजपा शासित राज्य आपस में भिड़ गए ये विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक सीएम बोम्मई ने सांगली जिले के वो 40 गांव, जो पानी की समस्या से जूझ रहे है उन्होंने इन गांवों को कर्नाटक में विलय करनके प्रस्ताव पारित हो चुका है ये बात कही। बोम्मई के इस बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस कूद पड़े और और उन्होंने कर्नाटक सीएम बोम्बई की बात का खंडन किया और कहा कि संगोली के किसी भी गांव को कर्नाटक में को कोई प्रस्ताप पारित नहीं हुआ। कर्नाटक सीएम का सपना नहीं पूरा होने देंगे महाराष्ट्र डिप्टी सीएम ने कहा साथ ही कहा हमारा कोई गांव कर्नाटक नही जाएगा। उन्होंने कहा जिन गांवों में मराठी भाषी अधिक हैं उनको लेने के लिए हम सर्वोच्च न्यायालय में लड़ाई लड़ेगे और कर्नाटक सीएम का सपना नहीं पूरा होने देंगे। इसके साथ ही महाराष्ट्र डिप्टी सीएम ने कहा हम अपने प्रदेश की सीमाओं,जमीन पानी की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार पर कसा तंज वहीं भाजपा शासित दो राज्यों की की लड़ाई के बीच उद्धव ठाकरे कूद पड़े और एकनाथ शिंदे सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा हमने अपना साहस खो दिया है। कितनी आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर कर्नाटक सीएम ने दावा ठोंक दिया है। कर्नाटक सीएम के खिलाफ बोलने की शिंदे के पास हिम्मत ही नहीं है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में कर्नाटक की बसों पर उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक की बसों को रोकर उन पर पोस्टर लगाना और कन्नड़ भाषियों को परेशान करना शुरू कर दिया।