September 23, 2024

Skyroot Aerospace ने उड़ाए सबके होश, 10 डॉलर किलोग्राम पर छोड़ेगी सैटेलाइट

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नई दिल्ली. हैदराबाद की स्टार्टअप कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बड़ी उपलब्धि हासिल की । यह सफलतापूर्वक रॉकेट लॉन्च करने वाली देश की पहली निजी कंपनी है। इसने पहले ही प्रयास में यह सफलता हासिल की। अब इसकी योजना साल 2023 में एक सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने की है।

कंपनी का कहना है कि वह स्थापित लॉन्च कंपनियों से आधी कीमत पर यह काम करेगी। हैदराबाद की इस कंपनी में सिंगापुर के सॉवरेन फंड GIC का पैसा लगा है। कंपनी ने 6.8 करोड़ डॉलर जुटाए हैं जिनसे अगले दो लॉन्च की फंडिंग की जाएगी।

कंपनी के फाउंडर्स ने रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि कंपनी करीब 400 संभावित कस्टमर्स के साथ संपर्क में है। आने वाले दिनों में कंपनियां स्पेसएक्स के स्टारलिंक की तरह ब्रॉडबैंड सर्विसेज देना चाहती हैं। इसके लिए वे हजारों छोटे सैटेलाइट छोड़ने की योजना बना रही हैं। साथ ही सप्लाई चेन की ट्रैकिंग और ऑफशोर ऑयल रिग्स की निगरानी के लिए भी सैटेलाइट्स की मदद लेने की योजना है।

स्काईरूट के सामने कई स्थापित और अपकमिंग कंपनियों से चुनौती है। पिछले हफ्ते चीन की एक स्टार्टअप कंपनी Galactic Energy ने अपने चौथे सफल लॉन्च में पांच सैटेलाइट ऑर्बिट में स्थापित किए। इसी तरह जापान की कंपनी स्पेस वन इस दशक के मध्य तक हर साल 20 छोटे रॉकेट लॉन्च करने की योजना बना रही है।

लेकिन स्काईरूट का कहना है कि वह स्थापित कंपनियों के मुकाबले आधी कीमत पर सैटेलाइट लॉन्च करेगी। स्काईरूट की स्थापना 2018 को पवन चांदना और नाग भरत डाका ने की थी। चांदना ने कहा कि अगर अगले साल कंपनी के लॉन्च सफल रहे तो उसकी डिमांड बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अधिकांश कस्टमर सैटेलाइट्स का समूह बना रहे हैं और इन्हें अगले पांच साल में लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट के लॉन्च के लिए प्रति किलोग्राम कॉस्ट 10 डॉलर तक नीचे लाई जा सकती है जो अभी हजारों डॉलर है।

वे स्पेसएक्स के सीईओ और दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क को अपना आदर्श मानते हैं। चंदना ने कहा कि स्पेसएक्स प्रेरणास्रोत है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी उन्हें मस्क से बात करने का मौका नहीं मिला है। चंदना ने कहा, ‘शायद आजकल वह ट्विटर को चलाने में बिजी हैं।’ मस्क ने हाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदा है। मस्क की कंपनी स्पेसएक्स रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च करने वाली दुनिया की पहली निजी कंपनी थी।

आगे की योजना

चांदना और डाका इसरो (ISRO) में काम कर चुके हैं। कंपनी ने अगस्त 2020 में फुल स्केल लिक्विड प्रपल्शन इंजन का परीक्षण किया था। सितंबर 2020 में कंपनी ने देश का पहला 3डी-प्रिंटेड क्रायो इंजन विकसित किया था।

दिसंबर 2020 में कंपनी ने सॉलिड रॉकेट स्टेज का परीक्षण किया था। 18 नवंबर, 2022 को स्काईरूट एयरोस्पेस रॉकेट का सफल प्रक्षेपण करने वाली देश की पहली निजी कंपनी बनी।

स्काईरूट अपने विक्रम रॉकेट के कई संस्करण विकसित कर रही है। विक्रम-1 480 किलो पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने में सक्षम है। विक्रम-दो रॉकेट 595 किलो और विक्रम-तीन 815 किलो पेलोड ले जाने में सक्षम है

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