September 23, 2024

जिले की जिंदगियों का हो रहा सौदा प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि नहीं है गंभीर

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सिंगरौली
 मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला अपने कोयला उत्पादन एवं बिजली उत्पादन में रचे जा रहे कीर्तिमान को लेकर प्रदेश ही नहीं देश भर में जाना जाने लगा है।

ऐसे में ख्याति प्राप्त कर चुके सिंगरौली जिले से एक तरफ जहां प्रदेश सरकार को करोड़ों की कमाई हो रही है तो वहीं दूसरी तरफ देश की आर्थिक गतिविधियों में भी सिंगरौली अपना अमूल्य सहयोग प्रदान कर रहा है परंतु सिंगरौली जिले में लगातार हो रहे गतिविधियों पर नजर रखने के लिए शासन स्तर पर विभिन्न विभागों को स्थापित किया जा चुका है।

परंतु संबंधित विभाग अभी भी आंख बंद कर जिले में हो रहे कार्यों को बेरोकटोक करने दे रहे हैं जिसका खामियाजा सिंगरौली जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा है हम बात कर रहे हैं सिंगरौली जिले में व्यापक रूप से फैले प्रदूषण की जिले के प्रदूषण का हाल जिले वासियों सहित प्रदेश सरकार के नुमाइंदों एवं केंद्र की संस्था को बखूबी पता है

परंतु संबंधित मामले के कई बार प्रदूषण के खतरनाक स्तर को भी जिम्मेदार नजरअंदाज करते दिखाई पड़ रहे हैं जिस तरह से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा सिंगरौली जिले को लेकर समय-समय पर दिशा निर्देश जारी कर प्रदूषण पर लगाम लगाने की दिशा में फरमान जारी कर प्रदूषक तत्वों के नियंत्रण पर विशेष जोर दिया जाता है

तो वहीं दूसरी तरफ जिले में स्थापित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी आखिरकार केंद्र और राज्य की तरफ से आने वाले आदेशों का इंतजार करते हैं यदि जिले के जिम्मेदार अधिकारी समय पर जीत जाते तो आज सिंगरौली की यह दुर्दशा नहीं होती।

बढ़ते प्रदूषण के बीच लगातार स्थापित हो रही हैं नित नई कंपनियां
सिंगरौली जिले के एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर हमेशा से ही रिपोर्ट जारी होती रहती है जिसमें कि कई बार सिंगरौली जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पा रहा है आपको बताते चलें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 की स्थिति यह बयां करती है कि यहां की वायु बेहद प्रदूषित हो चुकी है परंतु इन सब के बाद ही जिले के प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों ने संबंधित मामले को नजरअंदाज करते रहे हैं।

आलम तो यह है कि आज सिंगरौली जिले में खराब वायु केक गुणवत्ता के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है एवं लोग लगातार बीमार हो रहे हैं इसके अलावा अन्य कई बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है सिर्फ श्वसन संबंधी ही नहीं बल्कि इस समय शुगर ब्लड प्रेशर किडनी से जुड़ी हुई बीमारियों के मरीजों की तादाद भी बढ़ी है

सिंगरौली जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स का हाल जिला बनने से पूर्व से ही खराब रहा है एवं जिला बनने के साथ ही जिले में दर्जनों कंपनी अभी स्थापित हुई है एवं अभी कई कंपनियां प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रही हैं जिसके बाद वह कंपनियां अपने कार्य को अंजाम देंगे परंतु सबसे बड़ा सवाल तो यह उठता है।

कि यदि सिंगरौली जिले की आबोहवा इतनी खराब है तो इन कंपनियों को जिले में स्थापित होने के लिए परमिशन कैसे दे दी गई और यदि जिले के जिम्मेदार क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तव्य निष्ठा को लेकर यदि कार्य कर रहे हैं तो प्रदूषक तत्वों एवं प्रदूषण का ग्राफ इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है

हर साल कई औद्योगिक इकाइयां पर्यावरण संरक्षण को लेकर वृक्षारोपण के नाम पर कई कार्यक्रमों का आयोजन करती है एवं वृक्षारोपण से संबंधित खबरें भी प्रकाशित करवाई जाती है परंतु यह दौर कुछ महीने चलने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी रहती है यदि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोई ठोस पहल किया जाता तो हालात इतने बुरे भी नहीं होते।

प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि प्रदूषण के मामले में नहीं है गंभीर
पीजी से बिगड़ती सिंगरौली जिले की आबोहवा में जिस तरह से जहर खुलता जा रहा है एवं प्रदूषण का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है जिस पर चिंता जाहिर कर अपनी दिशा निर्देश को जारी करने वाला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देश जारी होने का इंतजार जिले का क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय करता रहता है।

जबकि अपनी तरफ से संबंधित मामले पर कोई भी उचित पहल करता दिखाई नहीं पड़ता है एक तरफ जहां हवाई गुणवत्ता की स्थिति बेहद खराब होना केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा बताया जा रहा है तो ऐसे में लगातार क्षेत्र में स्थानीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों के द्वारा बाय गुणवत्ता जांच एवं संबंधित रिपोर्ट को लेकर खामोशी समझ से परे है।

क्षेत्र में लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग लगातार होनी चाहिए एवं संबंधित मामले की रिपोर्ट प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय सहित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास में जरूर भेजा जाना चाहिए था यदि यह रिपोर्ट भेजी गई तब इस पूरे मामले पर जिम्मेदार विभाग ने कार्रवाई क्यों नहीं की समय रहते यदि इस प्रदूषण को नियंत्रित किया जाता है तो आज सिंगरौली के यह हालात बिल्कुल नहीं होते।

तो वही इन सब के बीच सिंगरौली जिले में निवासरत प्रशासनिक अमले के अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित जिले के जनप्रतिनिधियों ने प्रदूषण के मामले में कभी भी कोई उचित पहल करना उचित नहीं समझा एवं प्रदूषण विभाग को उसके हाल पर छोड़ दिया गया अब ऐसे में सिंगरौली जिले की खराब आबोहवा का आखिर जिम्मेदार कौन है।

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