गुजरात में आज शाम थम जाएगा पहले चरण के प्रचार का शोर, 89 सीटों पर 1 दिसंबर को होगी वोटिंग
नई दिल्ली
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रचार मंगलवार 29 नवंबर की शाम 5 बजे थम जाएगा। 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव के तहत दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 8 दिसंबर को होगी। गुजरात में इस बार भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. भारती ने सोमवार को बताया कि पहले चरण में एक दिसंबर को 89 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए कुल 788 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इनमें 70 महिलाएं और 718 पुरुष हैं। राज्य में कच्छ की (06), सुरेंद्रनगर की (05), मोरबी (03), राजकोट (08), जामनगर (05), देवभूमि द्वारका (02), पोरबंदर (02), जूनागढ़ (05), गिर सोमनाथ (04), अमरेली (05), भावनगर (07), बोटाद (02) , नर्मदा (02) , भरूच (05), सूरत (16) , तापी (02), डांग (01), नवसारी (04) और वलसाड की (05) सीटों कुल 89 सीटों के लिए 19 जिलों में पहले चरण में 2,39,76,670 मतदाता हैं, जिनमें 1,24,33,362 पुरुष, 1,15,42,811 महिलाएं और 497 ट्रांसजेंडर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
पहले चरण के मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार बंद करने के नियम के तहत मंगलवार शाम पांच बजे यह बंद हो जाएगा। इसके बाद कोई अनधिकृत बाहरी व्यक्ति भी चुनाव वाले क्षेत्रों में नहीं रहेगा। मतदान एक दिसंबर को सुबह आठ बजे से पांच बजे तक होगा। इस चुनाव में दलों की कुल संख्या 39 है। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नौ महिलाएं और 80 पुरुष, मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने छह महिलाएं सहित कुल 89 सभी सीटों पर, आम आदमी पार्टी (आप) ने 88, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 57 और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल- मुस्लिमीन ने छह सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 339 निर्दलीय प्रत्याशी में 35 महिलाएं और 304 पुरुष शामिल हैं।
गौरतलब है कि गुजरात में इस बार भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 99 सीट हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 77 सीट मिली थी। भाजपा ने अधिकतर शहरी क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया था। 'आप' जिसने 2017 के चुनावों में 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा किए थे, लेकिन तब वह अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी। इस बार भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद में 'आप' सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रही है।