मध्यप्रदेश में वृद्धों को बेहतर सुविधाएं देने ‘अटल वयो अभ्युदय’ योजना की जाएगी शुरू
भोपाल
प्रदेश के वृद्धों को वित्तीय सुरक्षा देने, उनके आवास तथा कल्याण, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण उनकी जान-माल की सुरक्षा, उनमें जागरुकता सृजन और क्षमता निर्माण तथा उनके लिए अनुसंधान और अध्ययन करने के लिए काम करने जैसी योजनाएं अब एक अम्बे्रला के नीचे उपलब्ध होंगी। इसके लिए केन्द्र सरकार के सहयोग से मध्यप्रदेश में ‘अटल वयो अभ्युदय’ योजना शुरू की जाएगी। सामाजिक न्याय विभाग ने मध्यप्रदेश में इस योजना के तहत काम शुरू करने के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
देशभर में वृद्ध नागरिकों की आबादी में लगातार इजाफा हो रहा है। वृद्धों के बेहतर स्वास्थ्य, आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से ‘अटल वयो अभ्युदय’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से हर जिले में बुजुर्गाें की संख्या के हिसाब से वृद्धाश्रमों की स्थापना और रखरखाव करेगी। शुरुआत में हर जिले में 150 निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को आवास प्रदान करने के लिए कम से कम एक वृद्धाश्रम की स्थापना की जाएगी। इन वृद्धाश्रमों के प्रबंधन के लिए एक स्कीम तय की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध कराई जाने वाली विभिन्न आवश्यक सेवाओं तथा मानकों को शामिल किया जाएगा। यहां रहने वाले बुजुर्गों को चिकित्सा, देखभाल तथा मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएंगें। इस योजना में ऐसे वृद्धों को शामिल किया जाएगा, जिनके पास पर्याप्त साधन नहीं है, जिनके पास स्वयं के भरण पोषण के लिए संसाधन नहीं हैं। भारत सरकार इस योजना में राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, न्यास, धर्मार्थ संस्थाओं, पंजीकृत सोसायटियों का सहयोग लेगी। वरिष्ठ नागरिकों को आश्रय और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं देने के लिए सकल बजटीय सहायता से राशि का प्रबंध किया जाएगा। इसमें एकीकृत वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम और वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य कार्य योजना से इसका प्रबंध किया जाएगा।
भोजन आवास, चिकित्सा की सुविधाएं इस तरह मिलेंगी
योजना में एकीकृत वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम के तहत वरिष्ठ नागरिकों को आवास, भोजन, चिकित्सा, देखभाल और मनोरंजन के साधन प्रदान करने तथा उनकी उपयोगी और सक्रिय वृद्धावस्था को प्रोत्साहित कर उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने वृद्धाश्रमों के रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी।
5 वर्ष की कार्ययोजना: राज्य वरिष्ठ नागरिक कार्य योजना से बनेंगी राज्य की योजना
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण की कार्य योजना का भागीदार बनने और उसे कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकार स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार करेगी। पांच वर्ष से लेकर वार्षिक कार्ययोजनाएं भी तैयार कर इनके लिए निधियां भी राज्य जारी करेंगे। इसके लिए राज्य की नीतियां और कार्यक्रमों का उपयोग भी किया जा सकेगा।
स्टार्टअप में भागीदारी और हेल्पलाइन सेवाएं भी
वरिष्ठ नागरिकों को स्टार्टअप में भागीदारी का मौका भी दिया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए उत्पादों को विकसित करने संधारित करने तथा सेवाएं मुहैया कराने के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी सीएसआर निधियों को चैनलाइज किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल करने वाली परियोजनाओं के लिए सीएसआर निधियों से अगले पांच सालों में पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वसेवा पोर्टल पर आधारित वेब सहित राष्टÑीय वरिष्ठ नागरिक स्तर की हेल्पलाइन शुरू की जाएगी।
आजीविका और कौशल विकास की सुविधाएं
वरिष्ठ नागरिकों की आय बढ़ाने के अवसर प्रदान करने उनका कौशल उन्नयन किया जाएगा। जिनके पास अनुभव, समय और उर्जा है उनका उपयोग व्यापारिक उद्यमों में अनुभवी कर्मचारियों के रूप में किया जाएगा। एसएसीआरईडी पोर्टल के जरिये ऐसे वृद्धों की जानकारी उद्योगों से शेयर कर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों को स्वसहायता समूह गठित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योनजा के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एसएचजी सामाजिक पुनर्निर्माण के लिए कार्य समूह के रूप में कार्य करेंगे। इसमें एक से अधिक योजनाओं में मिलने वाली सहायता का लाभ इन्हें दिया जाएगा।