November 24, 2024

4 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिला व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का लाभ

0
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिया जा रहा है शिक्षकों को प्रशिक्षण

भोपाल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति अंतर्गत मध्य प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में स्नातक प्रथम वर्ष के 4 लाख 15 हजार 136 विद्यार्थी ने परपंरागत विषयों के साथ अपनी पसंद के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की भी शिक्षा प्राप्त की है। यह पाठयक्रम उन्हें रोजगार एवं स्व-रोजगार के नए अवसर प्राप्त करने में सहयोगी होगा। यही नहीं इसके अध्ययन से उन्हें अपने कॅरियर की दिशा निर्धारित करने में भी सहायता मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में एमएसएमई विभाग के साथ एमओयू किया गया था। भविष्य में विद्यार्थियों को रोजगार के सुगम अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से पर्यटन और खनिज विभाग के साथ भी अनुबंध किया जायेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में स्नातक प्रथम वर्ष में 25 व्यावसायिक पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है। इसमें सभी विद्यार्थियों को निर्धारित विषयों में से किसी एक विषय में एक साल का डिप्लोमा पूर्ण करना होगा।

पाठयक्रम के लिए शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में व्यावसायिक विषय के पाठयक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग के उन विषय विशेषज्ञों को दी गई थी, जिनके मूल विषय में इन पाठ्यक्रमों की आधारभूत विषय-वस्तु आती है।शासन के निर्देशानुसार महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इन विषयों का अध्ययन कराने वाले शिक्षकों को विभाग द्वारा इसके लिए नरोन्हा प्रशासन अकादमी में वरिष्ठ एवं अनुभवी विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके लिए 5 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र 28 फरवरी से एक अप्रैल तक किया गया, जिसमें कुल 2100 शिक्षक ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन शिक्षकों द्वारा संबंधित विषयों के विद्यार्थियों को अध्ययन कराया गया है।

यह है प्रमुख विषय

निर्यात-आयात प्रबंधन, जीएसटी के साथ ई–एकाउंटिंग और कराधान, वित्त सेवाएँ और बीमा, खुदरा प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग, ब्रिकी कौशल, एकाउंटिंग और टैली कोर्स, जैविक खेती, बागवानी, वर्मी कम्पोस्टिंग, डेयरी प्रबंधन, चिकित्सा निदान, डेस्कटॉप प्रकाशन (डीटीपी), सौंदर्य और स्वास्थ्य कल्याण, औषधीय पौधे, पोषण और आहार, वेब डिजाइनिंग, इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रानिक टेक्नोलॉजी, सुरक्षा सेवाएँ, हस्तशिल्प, खाद्य संरक्षण और प्र-संस्करण, व्यक्तित्व विकास, पर्यटन-परिवहन और यात्रा सेवाएँ, कार्यालय प्रक्रिया और व्यवहार।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *