प्रदेश के माधव नेशनल पार्क में फिर सुनाई देगी बाघों की ‘दहाड़’, इस तारीख आएंगे और तीन बाघ
शिवपुरी
मध्यप्रदेश में एक बार फिर बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। प्रदेश के माधव नेशनल पार्क में 15 जनवरी तक 3 बाघ आने की संभावना है। इस पार्क में दो मादा और एक नर बाघ लाने की योजना बनाई गई है। बाघ के आने से एक नया कोरिडोर बना जाएगा। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क, कूनो पालपुर और रणथंबोर नेशनल पार्क के बीच कॉरिडोर बन जाएगा। कॉरिडोर बनने से बाघ एक से दूसरे नेशनल पार्क में आ जा सकेंगे। देश में पहली बार होगा 2 राज्यों के नेशनल पार्कों के बीच बाघों का कॉरिडोर।
माधव नेशनल पार्क के लिए पन्ना टाइगर रिजर्व व बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 5 बाघ लाए जाने हैं। पहले तीन बाघ लाकर पांच हेक्टेयर के बाड़े में छोड़ा जाएगा। पार्क में 15 जनवरी के आसपास टाइगर छोड़े जाने की तैयारी है। ऐसे में पार्क प्रबंधन अधिग्रहित गांव को खाली कराने पर जोर दे रहा है। गांव खाली कराने के लिए मुअावजा से वंचित परिवारों को प्रति वयस्क सदस्य 15 लाख के मान से मुआवजा बांटा जाएगा। पहले चर्चा थी कि 15 दिसंबर के आसपास टाइगर लाए जा सकते हैं लेकिन मौजूदा परस्थितियों के आधार पर तारीख आगे बढ़ दी गई है। माधव नेशनल पार्क की पूर्व रेंज स्थित बलारपुर के जंगल में फ्री रेंज के लिए बाड़े बनाने का काम चल रहा है।
बाघ लाने से पहले बलारपुर मंदिर के बहाने आने वाले बाहरी लोगों को प्रतिबंधित करने के लिए पार्क प्रबंधन ने बैनर लगवा दिए हैं। पार्क प्रबंधन 15 जनवरी तक बाड़े तैयार कराने में जुटा है। भोपाल से टाइगर लाने का शेड्यूल जारी होने के बाद तैयारियां पहले से ज्यादा तेज हो गईं हैं। अब टाइगर 15 से 25 जनवरी के आसपास पार्क में लाकर छोड़े जाने की संभावना है। बैनर लगाकर लोगों को प्रतिबंधित करने को लेकर पार्क अधिकारियों का मानना है कि बाघों की सुरक्षा के साथ आमजन की जान की सुरक्षा भी जरूरी है।
बाघ आने से पहले नेशनल पार्क बनेगा टाइगर रिजर्व
माधव नेशनल पार्क में टाइगर लाने से पहले ही टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी चल रही है। इसी महीने टाइगर रिजर्व वाली ग्राम पंचायतों, जिला योजना समिति व जन प्रतिनिधियों से सहमति ली जाएगी। पूरा प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा जाएगा, जहां प्रस्ताव पर टाइगर रिजर्व की अंतिम मोहर लग जाएगी। टाइगर रिजर्व बनने के साथ बाघ लाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।
इधर, बाहर से लोग आए, इसलिए ग्रामसभा स्थगित की
अधिग्रहित गांवों के करीब 17-18 परिवारों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। संबंधित परिवारों को 18 साल उम्र के लिहाज से वयस्क सदस्य मानकर 15 लाख रु. मुआवजा वर्तमान गाइड लाइन के आधार पर देने की तैयारी चल रही है। सोमवार को लखनगवां में ग्रामसभा आयोजित की लेकिन ग्रामसभा में बाहर से लोग आ गए, जो पहले ही मुआवजा ले चुके हैं। इसलिए ग्रामसभा स्थगित करनी पड़ी।
15 जनवरी के आसपास टाइगर लाना है
"माधव नेशनल पार्क में 15 जनवरी 2023 के आसपास टाइगर लाकर छोड़े जाना है। उसी के मद्देनजर तैयारियां चल रही हैं। टाइगर लाने से पहले बलारपुर के जंगल में लोगों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। हमें टाइगर की सुरक्षा के साथ लोगों की सुरक्षा भी जरूरी है। ग्राम सभा के बाद प्रति वयस्क सदस्य के मान से 15 लाख रु. मुआवजा वितरित करेंगे।"