Mainpuri Lik Sabha Bypolls : 6 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, EC के निर्देशों का उल्लंघन करने के दोषी
मैनपुरी
उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोक सभा सीट से डिंपल यादव सपा कैंडिडेट होंगी। पांच दिसंबर को वोटिंग होगी। इसी बीच चुनाव आयोग ने निर्देशों के उल्लंघन के लिए मैनपुरी और इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) से स्पष्टीकरण मांगा है। 5 दिसंबर को उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने 6 पुलिसकर्मियों के निलंबन का निर्देश दिया है। बता दें कि मैनपुरी समाजवादी पार्टी का एक गढ़ माना जाता है। उपचुनाव मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण हो रहा है। समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता रामगोपाल यादव से प्राप्त कंप्लेन के संदर्भ में, आयोग ने एसएसपी, मैनपुरी को निर्देश दिया कि वे तुरंत उप-अवरोधकों सुरेश चंद, कादिर शाह, सुधीर कुमार, सुनील कुमार, सत्या भन और राज कुमार गोस्वामी को निलंबित करें।
ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति के तहत 6 पुलिसकर्मियों को विधानसभा खंडों के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों पर तैनात किया गया, लेकिन इन्होंने आयोग के निर्देशों के अनुपालन में ढिलाई बरती। इसके बाद मैनपुरी के एसएसपी को आयोग ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। आयोग ने पूछा कि मॉडल आचार संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए ? खबरों के मुताबिक पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के दौरान नियमों और निर्देशों की अनदेखी हुई है।
इटावा के एसएसपी को यह भी बताने का निर्देश दिया गया कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने के बाद आयोग की पूर्व अनुमति के बिना, वैदपुरा, भारथना, जसवंतनगर और चौबिया के पुलिस स्टेशनों के चार स्टेशन हाउश ऑफिसर (SHOs)को लंबी छुट्टी देने के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की जानी चाहिए ? गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि मैनपुरी उपचुनाव में सुरक्षाबलों की तैनाती सख्ती से हो।
तैनाती के दौरान रैंडमाइजेशन समेत निर्धारित प्रक्रिया का पालन जनरल और पुलिस ऑब्जर्वर की देखरेख में किया जाए। बता दें कि आयोग के मौजूदा निर्देशों में किसी भी लोक सभा या विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय पुलिस बल को रैंडम तरीके से तैनात किया जाना निष्पक्षता सुनिश्चित करने की आधारशिला है। एक स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि जिलों में सभी डीओ को आयोग के मौजूदा निर्देश, कानून के प्रासंगिक प्रावधान और आचार संहिता का अनुपालन किया जाए।