Uttar Pradesh: चिकित्सा-शिक्षा में सुधार की कवायद, यूपी सरकार ने उठाया ये कदम
लखनऊ
राज्य सरकार का लक्ष्य मार्च 2023 तक प्रत्येक मंडल में गुणवत्ता मानकों के लिए एक संरक्षक संस्थान की पहचान करना है। पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का पहला भाग 28 नवंबर को शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के लिए बारह नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों ने उत्तर प्रदेश राज्य चिकित्सा संकाय (UPSMF) के साथ एक समझौता किया हे जिसके तहत यूपीएसएमएफ के विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक संस्थान के संकाय सदस्यों को प्रभावी शिक्षण कौशल और नैदानिक कौशल मानकीकरण पर प्रशिक्षित किया जाएगा। अधिकारियों की माने तो इस पहल का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है।
नर्सिंग कॉलेजों की गुणवत्ता सुधारने की कवायद
संस्थानों का मूल्यांकन उनके शिक्षण, शिक्षाशास्त्र, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता और छात्रों के व्यवहार कौशल पर किया जाएगा। प्रत्येक संस्थान के दो संकाय सदस्यों को यूपीएसएमएफ और उसके तकनीकी भागीदारों द्वारा प्रभावी शिक्षण कौशल और नैदानिक कौशल मानकीकरण पर प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये फैकल्टी सदस्य अपने संस्थानों और अन्य संस्थानों में मानकों को सुधारने पर काम करेंगे। गुणवत्ता में सुधार का मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के माध्यम से किया जाएगा।
हर संस्थान के लिए एक विशेषज्ञ की तलाश
दुर्गा शक्ति नागपाल, विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा, ने आगे कहा कि यह संस्थानों के लिए अपने मानकों को ऊंचा करने का एक अवसर है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि इन 12 संस्थानों की उत्तर प्रदेश के सात संभागों में उपस्थिति है। मार्च 2023 तक उत्तर प्रदेश के प्रत्येक संभाग में कम से कम एक परामर्शदाता संस्थान की पहचान करने की योजना है। इस कदम का उद्देश्य निचले स्तर के संस्थानों की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करना है।
इन 12 स्कूलों में चलेगा प्रशिक्षण
बरेली में रोहिलखंड कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इटावा में, यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, सैफई, गौतम बुद्ध नगर, नाइटिंगेल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, और स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, शारदा यूनिवर्सिटी, गोंडा में, एससीपीएम कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज कानपुर में, जीएसवीएम कॉलेज ऑफ नर्सिंग, लखनऊ, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल्स (बीएबीए), मेरठ में, आईआईएमटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, मां सुभारती नर्सिंग कॉलेज, सहारनपुर, हिलेरी क्लिंटन नर्सिंग स्कूल, गोरखपुर में गुरु श्री गोरखनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग शामिल हैं।
सरकार की अच्छी पहल
एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा कि, "नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता का अस्पतालों में नर्सिंग देखभाल की गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। एक अच्छा नर्सिंग छात्र पहले दिन से रोगी की संतुष्टि को बढ़ाने में मदद करेेंगे "। उन्होंने कहा, 'सरकार की पहल नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों के बीच मानकीकरण भी लाएगी।