Gwalior: मकान तोड़ने वाले अधिकारियों से होगी निर्माण राशि की रिकवरी कोर्ट का आदेश
ग्वालियर
ग्वालियर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हुए मकान को तोड़ने पर एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई की गई है। एसडीएम को तत्काल प्रभाव से कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। इसके साथ ही एसडीएम और तहसीलदार से आवास के निर्माण राशि वसूली जाने के आदेश ग्वालियर कलेक्टर द्वारा दे दिए गए।
नयागांव इलाके में तोड़ा गया था मकान
ग्वालियर शहर के शिवपुरी हाईवे पर नया गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखन परिहार के लिए आवास तैयार किया गया था। इस आवास को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में एक एक शख्स द्वारा याचिका दायर करते हुए इस बात का दावा किया गया था कि यह आवास सरकारी जमीन पर बना हुआ है।
हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण को हटाए जाने के आदेश दिए थे। प्रशासन ने आवास तोड़ने की कार्यवाही की। कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए एसडीएम संजीव खेमरिया और तहसीलदार नवनीत शर्मा ने लाखन परिहार के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए आवास को तोड़ने की कार्रवाई कर दी। जिसकी शिकायत लाखन सिंह द्वारा कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से की गई थी।
कलेक्टर ने अधिकारियों पर जताई नाराजगी
कलेक्टर कौशलन्द्र विक्रम सिंह के संज्ञान में जब ये मामला आया तो उन्होंने अधिकारियों से नाराजगी जताई। इसके साथ ही उन्होंने एसडीएम संदीप खेमरिया को तत्काल प्रभाव से कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया है जबकि तहसीलदार नवनीत शर्मा का तबादला ग्वालियर जिले से बाहर हो चुका है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में जो राशि खर्च हुई थी उस राशि की रिकवरी एसडीएम और तहसीलदार से की जाए।
कलेक्टर ने पीड़ित को दी सहायता राशि
कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से लाखन परिहार को ₹114000 की सहायता राशि दी है इसके अलावा अन्य योजनाओं का लाभ भी लाखन सिंह को दिया जा रहा है। पूरे मामले की जांच के लिए कलेक्टर ने 2 सदस्यीय टीम भी तैयार कर दी है। इस टीम में एसडीएम प्रदीप शर्मा और जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दुबे भी शामिल हैं।