पेट के दर्द से घिसटते हुए पहुंचा मरीज, सीलिएक प्लेक्सस न्यूरोलाइसिस से मिली पेट दर्द से निजात
रायपुर
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में दर्द से जूझ रहे लोगों के लिए डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय का रेडियोलॉजी विभाग मरहम की तरह साबित हो रहा है। यहां रेडियोलॉजी विभाग के इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ.(प्रो.) विवेक पात्रे के नेतृत्व में पेट एवं पित्त की थैली के कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे तीन मरीजों को हाल ही में सीलिएक प्लेक्सस ब्लॉक इंजेक्शन के माध्यम से दर्द निवारक उपचार देकर जीवन को दर्द रहित बनाया है। डॉ. विवेक पात्रे के अनुसार पेट एवं पित्त की थैली के कैंसर से जूझ रहे तीन मरीजों का उपचार बगैर चीरा लगाये किया गया है। इस उपचार के बाद आगे लम्बे समय तक तीनों मरीज अपना जीवन दर्द रहित जी सकते हैं।
सीलिएक प्लेक्सस नसें पाचन तंत्र के अंगों जैसे पित्ताशय, आंत, यकृत, अग्नाशय और पेट से, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को संकेत भेजती है। कैंसर के ट्यूमर सीलिएक प्लेक्सस पर दबाव डालते हैं, जिससे दर्द होता है। सीलिएक प्लेक्सस ब्लॉक, इंजेक्शन द्वारा दिया जाने वाला दर्द निवारक उपचार है जिसमें ब्लॉक के पश्चात् सीलिएक प्लेक्सस नसों के माध्यम से मस्तिष्क को दर्द संदेश नहीं पहुंचता। यह उपचार विशेषकर शरीर के ऊपरी हिस्से के कैंसर में अत्यधिक कारगर है।
कैंसर की कोशिकाएं पेट में या शरीर में अन्य जगहों पर फैल जाती हैं एवं आसपास के दर्द को ले जाने वाली नसों को भी प्रभावित करती है चूंकि कैंसर एक लम्बे समय तक रहने वाली बीमारी है तो इसका दर्द भी लंबे समय तक बना रहता है। कैंसर के ज्यादा फैलने से दर्द की दवाइयां भी अपेक्षाकृत असर कम करती है इसलिए पेट के कैंसर के मरीज जिनमें बीमारी फैल चुकी होती है अक्सर अत्यधिक पेट दर्द से प्रभावित/परेशान रहते हैं।
केसला, सीतापुर जिला- सरगुजा निवासी 66 वर्षीय पुरूष सुनील (परिवर्तित नाम) पित्त की थैली के कैंसर से पिछले 4 सालों से पीड़ित थे एवं अम्बेडकर अस्पताल स्थित कैंसर संस्थान में इलाज करा रहे थे। पेट में कैंसर फैलने की वजह से लगातार पेट दर्द की समस्या से पिछले 10 महीनों से जूझ रहे थे। दर्द निवारक दवाइयों से भी आराम नहीं मिल रहा था। ऐसे में मरीज की हालत को देखते हुए डॉ. विवेक पात्रे ने पेट दर्द के लिए सीलिएक प्लेक्सेस न्यूरोलाइसिस प्रक्रिया करने का निर्णय लिया। अभी मरीज पूरी तरह से दर्द रहित एवं स्वस्थ है तथा डिस्चार्ज लेकर घर जाने को तैयार है।
झलप, महासमुंद निवासी 44 वर्षीय संजय (परिवर्तित नाम) आमाशय के कैंसर से पिछले 2 सालों से पीड़ित थे एवं अम्बेडकर अस्पताल स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान में इलाज करा रहे थे। कैंसर की वजह से उनको खाना निगलने में भी तकलीफ हो रही थी जिसके लिए उनको नली के जरिए पेट में खाना दिया जाता था। इसके बाद भी दर्द लगातार बढ़ते जा रहा था। ऐसे में डॉ. विवेक पात्रे ने मरीज के पेट दर्द का उपचार किया जिससे अभी मरीज को दर्द से पूरी तरह निजात मिल चुका है।