यूपी निकाय चुनाव में वार्ड आरक्षण में सीट बचाने को कुंवारे पार्षद हुए शादीशुदा
अयोध्या
अयोध्या नगर निगम का विस्तार होने और करीब एक लाख नौ हजार की अतिरिक्त आबादी विस्तारित क्षेत्र से जुड़ने के बाद नए सिरे से हुए कक्ष आरक्षण ने वार्डों के भूगोल के साथ समीकरणों को भी बदल दिया है। इसके चलते पार्षद अपनी-अपनी सीट बचाने के अलग-अलग नुस्खा आजमा रहे हैं। अपनी सीट बचाने को स्वर्गद्वार वार्ड के पार्षद महेन्द्र शुक्ल ने कोर्ट मैरिज कर लिया है। रजिस्ट्रार कार्यालय में उन्होंने शनिवार को विवाह कर शादीशुदा होने का प्रमाणपत्र भी हासिल कर लिया है।
पार्षद शुक्ल ने बताया कि यह प्रेम विवाह है। उनकी पत्नी का परिवार शुक्ल मंदिर नयाघाट में ही रहता था। उसी मंदिर में उनका भी आवास है। पार्षद शुक्ल सपा के बैनर पर निर्वाचित हुए थे। इस बीच नगर निगम का विस्तार हुआ और स्वर्गद्वार वार्ड का समायोजन लक्ष्मणघाट में हो गया और चक्रीय क्रम में आरक्षण तय हो गया तो महिला सीट की संभावना देखकर विवाह का निर्णय कर लिया। दोनों परिवार भी राजी हो गये। उन्होंने 12 अक्तूबर को सगाई कर ली। इस बीच रामपथ के चौड़ीकरण की जद में शुक्ल मंदिर का भी हिस्सा आ जाने के कारण तोड़फोड़ को देखते कोर्ट मैरिज कर ली।