देश में हर दसवें वयस्क में डायबिटीज की संभावना, 50 प्रतिशत को ही बीमारी का पता
जबलपुर
‘एबीसी डायबिटीज़’ पर आधारित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने देश में बढ़ रही डायबिटीज की बीमारी पर चिंता जताई। विशेषज्ञों ने कहा कि विश्व में डायबिटीज़ और उससे होने वाली विषमताएं बड़ी परेशानी बन रही हैं। भारत में हर दसवें वयस्क को यह बीमारी होने का अनुमान है। जिसमें सिर्फ 50 प्रतिशत रोगियों को ही शरीर इस बीमारी की उपस्थिति के बारे में पता है। निदान वाले रोगियों में भी आधे से कम ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित कर पाते हैं।
शरीर को नुकसान से बचाने के लिए कई उपयुक्त उपाय मौजूद होने के बावजूद आम जनता में बेहतर इलाज के प्रति उदासीनता एवं डाक्टरों में आधुनिकतम दवाओं एवं ग्लूकोज़ मानिटरिंग टूल्स जानकारी की कमी की वजह से यह लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। मध्य भारतीय मधुमेह सेवा संस्था द्वारा आयोजित कार्यशाला में डा. विशाल कस्तवार और डा. परिमल स्वामी ने व्याख्यान दिया। संगोष्ठी के माध्यम से डायबिटीज़ के बेहतर इलाज हेतु चिकित्सा पद्धति एवं नवीनतम जानकारियां चिकित्सकों को दी गईं। डा. कस्तवार ने डायबिटीज़ के बेहतर इलाज में आम कमियां और संसाधन, डा. स्वामी ने डायबिटीज रिवेर्सल एंड रैमिशन पर जानकारी दी। डायबिटीज़ क्यों होती है, कैसे बढ़ती जाती है, क्या विषमताएं होती हैं इस बारे में डा. वीके भारद्वाज ने सारगर्भित उद्बोधन दिया।